वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’ लंदन की ओर से सम्मानित किए गए डॉ. आशुतोष वर्मा, कोरोना काल में लोगों की सेवा में थे समर्पित

लखनऊ: राजधानी के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष वर्मा को कोरोना काल में किए गए उनके कार्यों की वजह से ‘वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’, लंदन की ओर से सम्मानित किया गया है। शनिवार को उन्हें अवॉर्ड की प्राप्ति हुई। डॉ. आशुतोष ने कोरोना वायरस की पहली व दूसरी लहर के दौरान लोगों की मदद में अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया।

उन्होंने पूरे लखनऊ के हर इलाकों में जा-जाकर लोगों की मदद की। डॉ. वर्मा ने पूरे कोरोना काल के दौरान हर तरीके से लोगों की सेवा की। चाहे संक्रमित व्यक्तियों तक दवा पहुंचाने का कार्य हो, ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराना हो या फिर असहाय व्यक्तियों तक आर्थिक मदद पहुंचानी हो, इन सबका बीड़ा अपने कंधों पर उठा लिया था। इसी वजह से उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

‘समाजसेवा में सहभागिता, मानवीय मूल्यों के उच्च आदर्श’

अवॉर्ड मिलने के बाद डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा कि ‘संकट के समय समाजसेवा में सहभागिता, मानवीय मूल्यों के उच्च आदर्शों में शामिल है। इसी विचार के साथ मैंने कोरोना काल में जनता की सेवा का बीड़ा उठाया और लोगों को हरसंभव मदद की।’

 

उन्होंने कहा कि ‘शनिवार को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, लंदन की ओर से जब मुझे सम्मान प्राप्त हुआ। बेहद सुखद अनुभूति हो रही है। सभी जनों का शुक्रिया, जिन्होंने मुझे समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।’

 

कौन हैं डॉ. आशुतोष वर्मा?

‘वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स’, लंदन की ओर से अवॉर्ड पाने वाले डॉ. आशुतोष वर्मा लखनऊ के डालीगंज क्षेत्र में ‘चिल्ड्रेन मेडिकल सेंटर’ के नाम से अपना अस्पताल चलाते हैं। इनकी पैदाइश भी शहर-ए-अदब की है और इन्होंने यहीं के कॉल्विन तालुकेदार स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई की। जिसके बाद कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (GSVM Medical College) से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। एमबीबीएस करने के बाद डॉ. वर्मा ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। ‘शहर-ए-तहज़ीब’ के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष वर्मा इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सेक्रेटरी भी हैं।

 

हर महीने की 20 तारीख को करते हैं मुफ़्त इलाज

डॉ. आशुतोष वर्मा पूरी तरह से लोगों के लिए समर्पित रहते हैं। वह ‘हेल्थ वीवर्स’ के नाम से एक एनजीओ भी चलाते हैं। जिसके तहत हर महीने की 20 तारीख को वह सभी मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करते हैं। इस एनजीओ का उद्देश्य बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना है।

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