नई दिल्ली, अगर आपने भी एक से ज्यादा बैंक में खाता खुलवा रखा है तो यह आपके काम की खबर की है. एक से ज्यादा खाता रखने पर ग्राहकों को कई तरह की परेशानियां और नुकसान होते हैं. इसके साथ ही धोखाधड़ी होने की संभावना भी ज्यादा हो जाती है क्योंकि आपके जिनते ज्यादा खाते होगें रिस्क उतना ही होगा. इसके साथ ही आपको मिनिमम बैलेंस रखने की भी टेंशन बनी रहते हैं. आइए आपको बताते हैं कि आपको किस तरह के और नुकसान हो सकते हैं।
कई बैंकों में खाता होने से इनकम टैक्स भरते समय आपको कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. आपको अपने हर बैंक खाते से जुड़ी जानकारी उसमें देनी पड़ती है।
सेविंग खाते में बदलते ही उस खाते के लिए बैंक के नियम भी बदल जाते हैं. इन्हीं नियमों के मुताबिक खाते में मिनिमम राशि भी रखनी होती है और अगर आप ये रकम नहीं रखते हैं तो बैंक आपसे पेनल्टी भी वसूलते हैं और खाते से पैसे कट जाते हैं।
मौजूदा समय में अक्सर लोग जल्दी-जल्दी नौकरी बदलते हैं ऐसे में हर संस्थान अपने लिहाज से सैलरी खाता खुलवाता है. लिहाजा पिछली कंपनी वाला खाता लगभग निष्क्रिय हो जाता है. किसी भी सैलरी खाते में तीन महीने तक सैलरी नहीं आने पर वह अपने आप सेविंग खाते में बदल जाता है।
साथ ही सभी खाते के स्टेटमेंट लगाना भी काफी माथापच्ची करने वाला काम हो जाता है. निष्क्रिय खाते का ठीक से इस्तेमाल न करने पर आपको पैसों का नुकसान भी हो सकता है. मान लीजिए कि आपके पास चार बैंक खाते हैं जिनमें मिनिमम बैलेंस 10,000 रुपए होने चाहिए।
इस पर आपको 4 प्रतिशत की दर से सालाना ब्याज मिलता है. इस हिसाब से आपको लगभग 1600 रुपए ब्याज मिलेगा. अब, आप सभी खातों को बंद कर इसी रकम को म्यूचुअल फंड के निवेश में लगा देते हैं तो यहां आपको कम से कम 10 फीसदी का रिटर्न मिल सकता है।
कई बैंकों में अकाउंट होना सुरक्षा के लिहाज से भी सही नहीं होता है. हर कोई अकाउंट का संचालन नेट बैंकिंग के जरिए करता है. ऐसे में सभी का पासवर्ड याद रखना बहुत ही मुश्किल काम होता है. निष्क्रिय अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करने से इसके साथ फ्रॉड या धोखाधड़ी होने का चांस बहुत अधिक होता है, क्योंकि आप लंबे समय तक इसका पासवर्ड नहीं बदलते हैं. इससे बचने के लिए अकांउट को बंद कराएं और उसके नेट बैंकिंग को डिलीट जरूर कर दें।