कार एवं बाइक की टंकी न कराएं फ़ुल, भारत सरकार ने किया नया सर्कुलर जारी

नई दिल्ली, आप अपनी बाइक, स्कूटी या कार में पेट्रोल (petrol) डलवाने जाते हैं तो इस बात को नोटिस (notice) किया होगा कि टंकी फुल (tank full) करवाने के बाद भी काफी पेट्रोल, डीजल (diesel) डलवाने की गुंजाइश बनी रहती है.

कई बार पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल भरने वाले स्टाफ ऑटो कट के बाद भी पेट्रोल डालने की सलाह देते हैं. लेकिन सरकार कह रही है कि आपको अपने पेट्रोल टैंक (petrol tank) को पूरी तरह फुल नहीं करवाना चाहिए. आइए जानते हैं कि आखिर सरकार ऐसा क्यों कह रही है….

सरकार ने जारी किया सर्कुलर-
उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने छह मार्च, 2023 को एक सर्कुलर जारी कर वाहन मालिकों से वाहनों की टंकी को पूरी तरह फुल नहीं करवाने की सलाह दी है. मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट को हाल में पेट्रोल डीलर एसोसिएशन (Petrol Dealers Association) की ओर से एक रिप्रंजेटेशन प्राप्त हुआ है. इसमें टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर में टैंक कैपिसिटी के बारे में गलत जानकारी देने की बात कही गई है. इसमें दावा किया गया है कि बुकलेट में दर्ज टैंक कैपिसिटी वास्तविक कैपिसिटी से 15-20 फीसदी कम होता है.

बताई गई कैपिसिटी से बड़ी क्यों होती है वाहनों की टंकी-
– वॉल्यूम बढ़ने पर वोलाटाइल ऑर्गेनिक कम्पाउंड को लीक होने से बचाने के लिए. इसकी वजह ये होती है कि पेट्रोल पंप के अंडरग्राउंड टैंक का तापमान अपेक्षाकृत रूप से कम होता है.

– वाष्प निर्माण के लिए गैसोलीन को अतिरिक्त जगह की जरूरत होती है और ऐसा नहीं होने पर इंजन के परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है. इसके अलावा जो ईंधन नहीं खर्च होता है, उससे अतिरिक्त हाइड्रोकार्बन प्रदूषण होता है.

– अगर किसी वाहन का टैंक पूरी तरह फुल है और उसे किसी ढलान वाली जगह पर खड़ा किया जाता है तो ईंधन के लीक होने का खतरा होता है. यह काफी खतरनाक हो सकता है क्योंकि पेट्रोल या डीजल अत्यंत ज्वलनशील होते हैं.

मंत्रालय ने ऑटोमोबाइल कंपनियों (automobile companies) से मोटर वाहन इस्तेमाल करने वालों को टैंक को पूरा ऊपर तक फुल नहीं करवाने की सलाह देने का आग्रह किया है. इसके बजाय कार में ऑटो कट तक तेल डलवाना चाहिए.

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