मशीनो पर निर्भरता 5-10 सालों में इंसान को मिटा देंगी, इनसे कैसे निपट पाएंगे हम, बनाने वाले ही घबरा रहे हैं।

नई दिल्ली, ChatGPT के आने और सुपरहिट होने के बाद से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की संभावनाओं और खतरों पर बहस छिड़ी हुई है। दुनिया के प्रमुख तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में अगले 5-10 वर्षों में मानवता को नष्ट करने की ताकत है।

सोचिए, अगर एआई के निर्माता इतने ही घबराए हुए और डरे हुए हैं, तो भविष्य में संभावित खतरे कितने शक्तिशाली हो सकते हैं? और यह भी सोचने की जरूरत है कि इंसान इन खतरों से कैसे निपटेगा?सीएनएन ने हाल ही में येल सीईओ समिट में एक सर्वेक्षण किया। इस सर्वे में शामिल 42 फीसदी सीईओ और बिजनेस ओनर्स का मानना है कि एआई इंसानों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

एआई को खतरनाक मानने वालों में ट्विटर और टेस्ला के डायरेक्टर एलन मस्क भी शामिल हैं। इस सर्वे में अलग-अलग बिजनेस के 119 सीईओ से उनकी राय पूछी गई। ये सीईओ वॉलमार्ट, कोका-कोला, जेरॉक्स और जूम आदि जैसी अलग-अलग फील्ड से जुड़ी कंपनियों से थे। रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 34 फीसदी सीईओ ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह करीब 10 साल में मानवता को खत्म कर सकता है। वहीं, 8 फीसदी ने इस बात पर सहमति जताई कि उन्हें लगता है कि एआई पांच साल में ऐसा कर लेगा। वहीं, 58 फीसदी सीईओ ने कहा कि एआई कभी भी मानवता पर हावी नहीं हो पाएगा और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

टेक विशेषज्ञ एआई को खतरनाक बता रहे हैं
हाल ही में ओपनएआई के संस्थापक सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) तेजी से बढ़ रहा है। एजीआई एक कॉन्सेप्ट है, जिसका मतलब है कि दुनिया के बारे में मशीनों की समझ इंसानों के बराबर होती जा रही है और ऐसा होने पर मशीनें इंसानों की तरह व्यवहार करने लगेंगी, खुद फैसले लेने लगेंगी। सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि यह खतरनाक स्थिति हो सकती है और इसलिए एआई को रेगुलेट करना जरूरी है।

कुछ समय पहले एलोन मस्क, सैम अल्टमैन, जेफ्री हिंटन तकनीकी विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की थी कि एआई के आगमन से इंसानों के विलुप्त होने का खतरा पैदा हो सकता है। एक बयान में इन विशेषज्ञों ने कहा था कि एआई के खतरों से बचने के लिए समाज को जरूरी कदम उठाने की जरूरत है. विशेषज्ञों ने एआई के प्रयोगों पर रोक लगाने की भी मांग की थी। कहा गया कि प्रयोगों को रोककर पहले एआई के लिए गाइडलाइंस बनाने की जरूरत है।

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला की एक अलग सोच है
एक तरफ जहां टेक विशेषज्ञ एआई को खतरनाक बता रहे हैं, वहीं माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला का कहना है कि वह एक ऐसी दुनिया का सपना देखते हैं, जिसमें दुनिया के हर व्यक्ति के पास एक एआई असिस्टेंट हो। ट्यूटर, डॉक्टर या सलाहकार। उनका कहना है कि वह एआई की संभावनाओं पर फोकस करना चाहते हैं, उनका मानना है कि एआई में उन लोगों तक पहुंचने की ताकत है, जिन तक औद्योगिक क्रांति नहीं पहुंच पाई है।

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