रुकी लखनऊ के अकबर नगर के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही, कॉलोनी वासियों को 22 जनवरी तक मिला हाईकोर्ट का स्टे

लखनऊ , उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को पुलिस आर ए एफ  और पी ए सी के साथ एलडीए की ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू हुई। एल डी ए के अनुसार कुकरैल नदी की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए अकबर नगर-1 और अकबर नगर-2 को ध्वस्त करने एलडीए की टीम भारी पुलिस बल लेकर पहुंची। एलडीए और पुलिस बल को देखते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

 

कॉलोनीवासियों ने हाईकोर्ट में कार्रवाई रोकने को लेकर अपील की। इसी के बाद सुनवाई तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही रोक दी गई। शाम को करीब साढ़े तीन बजे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 22 जनवरी तक स्टे लगा दिया। अब एलडीए आदेश की कॉपी लेकर उसका परीक्षण करेगा। जिसमें पता चलेगा कि जो दो लोग कोर्ट गए थे उन्हीं के मामले में स्टे है या पूरे मामले का। दूसरी ओर एलडीए उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी कहना है कि हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

अकबरनगर कुकरैल नदी की जमीन पर बना है। कुछ हिस्सा ग्रीन बेल्ट पर है। यूपी सरकार ने साबरमती की तर्ज पर लखनऊ में कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने का निर्णय लिया है। इसके बाद अकबरनगर पर बुलडोजर चलाने का फैसला लिया गया। हालांकि लोगों ने इस फैसले का विरोध किया। फैसले के खिलाफ पहले ही कॉलोनी के लोगों ने कमिश्नर कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने एलडीए की अपील के खिलाफ सुनवाई कर रही कमिश्नर रोशन जैकब को 14 दिसंबर तक मुकदमा निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। कमिश्नर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपील खारिज कर दी। इसी क्रम में गुरुवार को एलडीए की टीम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंची।
गुरुवार को लोगों ने फिर एलडीए का विरोध किया। इस प्रदर्शन में एक भाजपा नेता भी शामिल था जिसका नोकझोंक और धक्का मुक्की के बीच सिर फट गया। पुलिस ने उसे दौड़ा कर पकड़ा। दूसरी ओर हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई। बता दें कि अकबर नगर-1 और अकबर नगर -2 में कुल 1068 मकान और 101 दुकानें-शोरूम तोड़े जाने हैं। सभी को पहले ही मकान और दुकान खाली करने के निर्देश दिए गए थे। कुछ लोग बुधवार को अपना सामान लेकर वहां से चले गए। वहीं कुछ लोगों ने अब भी जगह खाली नहीं की है और ध्वस्तीकरण के खिलाफ कोर्ट में अपील की है।

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