एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए रक्षा प्रमुख बिपिन रावत ने किया एयर डिफेंस कमांड का ऐलान

नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर में ड्रोन से आतंकी हमले की साजिश के खुलासे के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. आसमानी चुनौती से निपटने के लिए भारतीय सेना ने एयर डिफेंस कमांड की स्थापना का ऐलान किया है. इंडिया टुडे से खास बातचीत में सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम मैरिटाइम कमांड और एयर डिफेंस कमांड बनाने जा रहे हैं.

सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि एयर डिफेंस कमांड की जिम्मेदारी हमारे एयरस्पेस को सुरक्षित रखने की होगी, एयर डिफेंस कमांड सभी एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर या फिर ड्रोन की निगरानी करेगा. उन्होंने कहा कि जम्मू एयरबेस पर ड्रोन से हमले के बाद सुरक्षा को बढ़ा गया है और अब एक कमांडर की जिम्मेदारी पूरे एयरस्पेस की सुरक्षा की होगी।

पत्रकारों से बात करते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हिंद महासागर में खतरा बढ़ता जा रहा है, इस खतरे से निपटने के लिए मैरिटाइम कमांड की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि मैरिटाइम कमांड की जिम्मेदारी भारतीय सागरीय क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने की होगी.

सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि हिंद महासागर में दूसरे देशों की धमक बढ़े, इससे पहले हमें अपनी सागरीय क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करना होगा, सागरों की सुरक्षा के लिए कई विभाग तैनात हैं, इसमें राज्य तटरक्षक, इंडियन नेवी समेत कई एजेंसियां शामिल हैं, साथ ही मछुआरे भी हमारी आंख-कान है, मेरिटाइम कमांड सभी लोगों से समन्वय बनाकर काम करेगा.

दो मोर्चों पर एक साथ युद्ध की तैयारी के सवाल पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हम दो और फ्रंट बनाएंगे, एक वेस्ट फ्रंट और दूसरा नॉर्थ फ्रंट, अभी नार्दन फ्रंट के पास कई जिम्मेदारी है, यही फ्रंट जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान भी चला रहा है और बॉर्डर पर चीन और पाकिस्तान के सामने डटकर खड़ा है, यहां एक और फ्रंट बनाया जाएगा.

जनरल बिपिन रावत ने कहा कि इसी तरह वेस्ट फ्रंट बनाया जाएगा, हमें भविष्य की चुनौतियों को ख्याल में रखकर काम करना है, अभी हालात ठीक हैं, लेकिन हमेशा ठीक नहीं रह सकते हैं, हमने देखा है कि कैसे हालात खराब हो जाते हैं, ऐसे में हमें अपनी ओर से सभी तैयारी करनी है.

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एयर डिफेंस कमांड 15 अगस्त से शुरू हो जाएगा. यह भारतीय वायुसेना, सेना और नौ सेना के संसाधनों को नियंत्रित करेगा. इसके साथ ही कमांड के पास हवाई दुश्मनों से सेना के हथियारों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी होगी. कमांड का नेतृत्व भारतीय वायुसेना के थ्री स्टार ऑफिसर के हाथों में होगी.

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