नई दिल्ली, काबुल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार रात हुए सीरियल बम ब्लास्ट की दुनियाभर में निंदा हो रही है। इस ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। जबकी सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे है। मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि घायलों में अभी भी कई लोगों की हालत गंभीर है और उनका काबुल के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
इस बीच अमेरिका ने काबुल में अभी और धमाके का अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि आतंकी एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर कार से धमाका कर सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी (ABC) के मुताबिक एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर कार बम ब्लास्ट का खतरा है। इसके मद्देनजर अमेरिकी दूतावास ने नया अलर्ट जारी किया है। आपको बता दें कि कल हुए हमले के पहले भी अमेरिका ने अलर्ट जारी करते हुए अपने नागरिकों को एयरपोर्ट के नजदीक जाने से परहेज करने के लिए कहा था।
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का बाद वहां से निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट के अंदर-बाहर हजारों लोग जमा हैं। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश 31 अगस्त तक अपने नागरिकों और मददगार अफगानियों को काबुल से निकालने में जुटे हैं। खुफिया जानकारी के आधार पर पश्चिमी देशों ने बुधवार को ही अपने नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से सतर्क किया था। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने एयरपोर्ट पर आइएसआइएस द्वारा बम धमाकों की आशंका जताते हुए अपने देश के नागरिकों को एयरपोर्ट के बाहर जमा होने से पहले ही रोक दिया था।
आपको बात दें काबुल एयरपोर्ट के पास गुरुवार को सिलसिलेवार एक साथ सात बम धमाके हुए थे। इस धामके में मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी है। इस हमले में 12 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई है। जबकि 60 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों के घायल होने की खबर है। इस धमाके में मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। पेंटागोन ने इस धमाके में 12 अमेरिकी कमांडोज की मौत की तथा 15 कमांडो घायल होने की पुष्टि की है।
तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बम धमाके की घटना को आतंकी वारदात बताया है। हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस हमले को आइएस ने अंजाम दिया है। ताजा जानकारी के मुताबिक इस ब्लास्ट में महिलाओं, सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 143 लोग घायल हुए हैं। इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट धमाके की जिम्मेदारी ली है। आतंकी संगठन आइएस ने देर रात अपने टेलीग्राम अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ले ली।
वहीं सीरियल ब्लास्ट को अमेरिका काफी सख्त नजर आ रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जिन्हें इस ब्लास्ट को अंजाम दिया है उन्हें इन मौतों की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि हम न भूलेंगे और न माफ नहीं किया जाएगा। हम चुन चुन कर शिकार करेंगे। जो बाइडेन ने आगे कहा कि हम अफगानिस्तान में रह रहे अपने अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे, साथ ही अपने सहयोगियों को भी निकालेंगे। हमारा मिशन जारी रहेगा। व्हाइट हाउस ने कहा है कि काबुल में आतंकवादी हमलों में मारे गए पीड़ितों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा।
इधर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस सोमवार को सुरक्षा परिषद सदस्यों की आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव रूस चीन अमेरिका फ्रांस और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों के साथ अफगानिस्तान मसले पर चर्चा करेंगे।