तिरुवनंतपुरम, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने 23 वर्षीय शेरोन राज की 2022 में हुई हत्या के मामले में आरोपी 24 वर्षीय ग्रीष्मा को मौत की सजा सुनाई. वहीं उसके चाचा को सबूत नष्ट करने के लिए तीन साल जेल की सजा सुनाई गई. हालांकि, उसकी मां सिंधु को अदालत ने बरी कर दिया.
केरल की युवती ग्रीष्मा को अक्टूबर 2022 में शेरोन राज को जहर देकर हत्या करने का दोषी पाया गया था. अदालत ने शुक्रवार (17 जनवरी) को ग्रीष्मा को दोषी पाया और आज (20 जनवरी) के लिए सजा सुरक्षित रख ली थी.
क्या था पूरा मामला
तिरुवनंतपुरम के उपनगर परसाला की रहने वाली शेरोन राज की 25 अक्टूबर, 2022 को मल्टी ऑर्गन फेल्योर से मृत्यु हो गई. मृत्यु की जांच से जहर देने के अपराध का पता चला. ग्रीष्मा, जो शेरोन के साथ रिश्ते में थी, ने उसे जहर दे दिया क्योंकि उसने उनके रिश्ते को खत्म करने से इनकार कर दिया था. ग्रीष्मा के माता-पिता ने उसकी शादी किसी और से तय कर दी थी इसलिए वह अपने प्रेमी से छुटकारा पाना चाहती थी.
पुलिस के मुताबिक ग्रीष्मा ने 14 अक्टूबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले के रामवर्मनचिरई में शेरोन को बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया और उसे जहर मिला आयुर्वेदिक पेय पिलाया. ग्रीष्मा के घर से निकलने के बाद शेरोन को लगातार उल्टी होने के साथ जहर के लक्षण दिखने लगे. कथित तौर पर, उसके माता-पिता ने ग्रीष्मा को यह पूछने के लिए भी बुलाया कि उसने उसे क्या खिलाया है ताकि उसे समय पर चिकित्सा उपचार मिल सके. 11 दिन बार युवक की मौत हो गई.
बचाव पक्ष ने अपनी दलीलों में कहा कि ग्रीष्मा एक युवा महिला थी जिसका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा था और उसे सुधरने का मौका मिलना चाहिए. वह पहले से ही सुधार के संकेत दे रही थी, इसलिए उसे अपना जीवन फिर से बनाने का अवसर दिया जाना चाहिए. फैसले में अदालत ने कहा, दोषी ने उस व्यक्ति को धोखा दिया जो उससे प्यार करता था और इससे समाज में अच्छा संदेश नहीं गया.