रायगढ़, महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले में भयानक लैंडस्लाइड हुआ है। खबर है कि रायगढ़ जिले के खालापुर के इरसलवाडी गांव में बड़ा भूस्खलन हुआ। एनडीआरएफ की चार टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं और बचाव कार्य चल रहा है।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार भूस्खलन के मलबे में 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। लगभग 70 से 75 घर यहां हैं और इस भूस्खलन में करीब 30 से 35 घरों को नुकसान हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 10 लोगों को बचा लिया गया है। वहीं हालात की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी मंत्रालय डिजास्टर कंट्रोल रूम पहुंचकर रायगढ़ भूस्खलन का जायजा ले रहे हैं।
एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले के खालापुर के इरशालवाड़ी में भूस्खलन की सूचना मिली है। कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ की 2 टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और तलाश एवं बचाव शुरू कर दिया है। ऑपरेशन में शामिल होने के लिए 2 और टीमें मुंबई से रवाना हो गई हैं। घटना के बाद रायगढ़ पुलिस ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है। बताया जा रहा है कि सीएम शिंदे ने हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू के आदेश दिए हैं। घटनास्थल पर रास्ते बहुत सकरे हैं और कच्चे हैं, इसलिए अब तक जेसीबी भी नहीं पहुंच पाई है। बताया जा रहा है कि अब तक कुल 48 परिवार घटनास्थल पर रह रहे थे। लैंडस्लाइड में जो लोग भी जख्मी हुए हैं, उन सभी लोगों का इलाज का खर्च सरकार उठाएगी।
वहीं अभी तक मलबे में फंसे 75 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इसके अलावा 5 शवों को भी बाहर निकाला गया है। बताया जा रहा है कि मोरबे बांध के पास इरसल किले का एक हिस्सा कल रात ढह गया। इस स्थान पर रात में बचाव कार्य करते समय नवी मुंबई अग्निशमन सेवा के सहायक केन्द्रीय अधिकारी शिवराम धुमाने की मौत हो गई।
रायगढ़ के जिलाधिकारी कार्यालय ने बताया कि पनवेल नगर निगम की तरफ से 100 सफाई कामगार, 100 कंबल, पानी की बोतलें, टॉर्च और फ्लड लैंप भेजे गए हैं। इसके अलावा खोपोली से 1500 बिस्कुट पैक, 1800 पानी की बोतलें, 50 कंबल, 35 टॉर्च, 25 अधिकारी और कर्मचारी, फर्स्ट-एड किट, दस्ताने और पट्टियां भेजी गईं हैं।
गौरतलब है कि इरशालगढ़ महाराष्ट्र में माथेरान और पनवेल के बीच स्थित एक किला है। यहां चट्टान को काट कर बनाए गए कई जल कुंड हैं, जहां से नजदीकी गांव इरशालवाड़ी है। यहां पर सड़क केवल नानीवली गांव तक उपलब्ध है। नानीवली से इरशालवाड़ी गांव तक 2.5 किमी का पैदल रास्ता है। इरशालवाड़ी तक रास्ता एक खड़ी चढ़ाई से होकर जाता है। इरशालगढ़ चोटी पर चढ़ने में करीब 2-2.5 घंटे लगते हैं।