नई दिल्ली, इस साल का दादासाहेब फाल्के पुरस्कार हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री रहीं वहीदा रहमान को दिया जाएगा। 85 वर्षीय वहीदा को ये सम्मान उनके सिनेमा में बेहतरीन योदागन के लिए दिया जा रहा है। भारत की फिल्म इंडस्ट्रीज सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार भारतीय सिनेमा के जनक कहे जाने वाले दादासाहेब फाल्के के नाम पर रखा गया है।
यह पुरस्कार साल 1969 में शुरू हुआ था। हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री देविका रानी को पहले दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिया गया। 60 और 70 दशक की टॉप एक्ट्रेस में शुमार रही वहीदा रहमान को इस साल दादासाहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। देवानंद और वहीदा रहमान की जोड़ी ने बॉलीवुड में कई सुपरहिट फिल्में दी। सिनेमा दर्शकों ने दोनों की जोड़ी को खूबसूरत सराहा। सबसे खास बात यह है कि आज बॉलीवुड फिल्म के महान अभिनेता देवानंद का 100वां जन्मदिवस भी है।
मंगलवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लेजेंडरी एक्ट्रेस वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिए जाने का एलान किया। सोशल मीडिया पर एक ट्वीट शेयर करते हुए ठाकुर ने लिखा, ‘मुझे यह जानकारी देते हुए बहुत खुशी और गर्व महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके श्रेष्ठ योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री विनोद ठाकुर ने कहा ऐसे समय में जब ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम को संसद द्वारा पारित किया गया है, वहीदा जी को इस लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाना भारतीय सिनेमा की लीडिंग लेडीज के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है। मैं उन्हें बधाई देता हूं और विनम्रतापूर्वक उनके काम के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करता हूं जो हमारे फिल्म इतिहास का हिस्सा है।
वहीदा रहमान का जन्म 3 फरवरी 1938 को मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भरतनाट्यम में प्रवीण वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् 1955 में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।
वहीदा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत तेलुगु सिनेमा से की थी, लेकिन उन्हें हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक मिला फिल्म सीआईडी से मिला , इस फिल्म में उन्होंने नेगेटिव भूमिका अदा की, इस फिल्म में वहीदा के साथ गुरु दत्त नजर आए थे, गुरु दत्त और वहीदा ने मिलकर कई फिल्मों में काम किया । वहीदा ने हिंदी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी। इनमें प्यासा, गाइड, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद, साहेब बीवी और गुलाम, खामोशी, रेशमा शेरा जैसी फिल्में शामिल हैं।
5 दशक के करियर में उन्होंने अपने किरदारों को परफेक्शन के साथ निभाया, जिसकी वजह से उन्हें फिल्म रेश्मा और शेरा के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला। पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित वहीदा जी ने भारतीय नारी के समर्पण, कमिटमेंट और ताकत का ऐसा उदाहरण पेश किया है जो कड़ी मेहनत की बदौलत अपने प्रोफेशन में एक्सीलेंस को अचीव कर सकती हैं। वहीदा रहमान ने पीटीआई से बात करते हुए दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिलने की खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि, आज ये घोषणा होना मेरे लिए दोहरी खुशी है, क्योंकि आज देव आनंद का जन्मदिन है, तोहफा उनको मिलना था, मुझे मिल गया।
बता दें कि अब तक यह अवॉर्ड सिर्फ 7 ही महिलाओं को दिया गया है। सबसे पहला दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड 1969 में एक्ट्रेस देविका रानी को दिया गया था। इसके बाद रूबी मेयर्स (सुलोचना), कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेशकर और आशा भोंसले को इस अवॉर्ड से नवाजा गया। 2020 में यह अवॉर्ड वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख को दिया गया था।
वहीदा रहमान अपनी पर्सनल लाइफ पर बात करना पसंद नहीं करतीं। 1974 में शशि रेखी (कमलजीत) से उनकी शादी हुई थी। दोनों ने फिल्म शगुन में साथ काम किया था। इस शादी से उनके दो बच्चे हुए। दोनों ही बच्चे राइटर हैं। 21 नवंबर 2000 को वहीदा के पति का निधन हुआ था। फिलहाल वहीदा रहमान मुंबई में रहती हैं।