स्वामी विवेकानंद पर विवादित टिप्पणी करना संत अमोघ दास लीला को पड़ा भारी, ISKCON ने लगाया बैन

लखनऊ, कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी (ISKCON) के संत अमोघ लीला दास अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिरते नजर आ रहा हैं। संत ने स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के सिद्ध पुरुष होने को लेकर सवाल खड़े किए और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर विवादित टिप्पणी की।जिसके बाद कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी ने अमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगाया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमोघ दास लीला (Amogh Das Leela) ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर विवादित टिप्पणी की है। दास ने कहा कि अगर स्वामी विवेकानंद मछली खाएं तो क्या वो एक सिद्ध पुरूष हैं? क्योंकि कभी कोई सिद्ध पुरूष मछली नहीं खाएगा क्योंकि मछली को भी दर्द होता है। सिद्ध पुरूष के दिल में करूणा होती है।’ इतना ही नहीं संत ने अपने बयान में यह भी कह दिया कि ‘स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं।’ इसके अलावा उन्होंने रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramhansa) को भी लेकर विवादित टिप्पणी की है।

संत अमोघ लीला दास के विवादित बयान पर इस्कॉन (ISKCON) ने एक्शन लिया है। इस्कॉन (ISKCON) ने इस मामले में एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘अमोघ लीला दास (Amogh Das Leela) के बयान से हम काफी आहत हैं और यह बयान अनुचित है। इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं (Not accepted) किया जा सकता। यही वजह है कि अमोघ दास लीला पर एक महीने के लिए बैन लगाया गया है।’

बता दें कि अमोघ दास लीला (Amogh Das Leela) मूल रूप से लखनऊ (Lucknow) के एक धार्मिक परिवार से हैं। संत के मुताबिक कम उम्र में आध्यात्मिक यात्रा (Spiritual Journey) शुरू कर दी थी। साल 2000 में 12वीं कक्षा में पढ़ने के दौरान उन्होंने भगवान की तलाश में अपना घर छोड़ दिया। हालांकि, उन्होंने वापस आकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने का फैसला किया। 29 साल की उम्र में वो इस्कॉन (ISKCON) में शामिल हो गए और कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए। इंजीनियर से संत बने अमोघ दास लीला को सोशल मीडिया पर कई लोग फॉलो करते हैं।

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