‘कांग्रेस न सदन चलने देती है और न चर्चा होने देती’ : संसद गतिरोध पर बोले मोदी

नई दिल्ली, संसद शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने अपने सांसदों से गांवों में जाकर देश की उपलब्धियां बताने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने 75 साल पूरे होने पर 75 गांवों में सांसदों को जाने की अपील की।

इस दौरान पीएम मोदी ने दूसरे हफ्ते संसद की कार्यवाही बाधित होने को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ना सदन चलने देती है और ना चर्चा होने देती है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों वैक्सीनेशन को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी उसमें भी कांग्रेस शामिल नहीं हुई। कांग्रेस बैठकों का लगातार बहिष्कार कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मनाया जाने वाला अमृत महोत्सव केवल एक सरकारी कार्यक्रम बनकर नहीं रहना चाहिए बल्कि इसे जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से अपील की कि वे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करें जो 75 गांवों का दौरा करे और वहां 75 दिन बिताए तथा जनता के बीच डिजिटल साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाए।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे संसद में विपक्षी दलों के रवैये के बारे में जनता को अवगत कराएं और उन्हें बताएं कि सरकार सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार है किंतु विपक्षी दल इससे भाग रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं।

बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आजादी का अमृत महोत्सव केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह जन आंदोलन के रूप में होना चाहिए…जन भागीदारी के साथ हमें आगे बढ़ना है।’

मेघवाल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई लोगों ने अपनी कुर्बानी दी लेकिन हमें जनता को समझाना है कि क्या हम देश के लिए जी सकते हैं। यही भावना लेकर जनता के बीच बढ़ना है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद के दोनों सदनों में अब तक हुए काम काज का ब्योरा दिया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वह जब जनता के बीच जाएं तो संसद में विपक्षी दलों के रवैये का भी उल्लेख करें।

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