तहलका मचाने आ रही है CNG मोटर साइकिल, कीमत और फीचर जान कर आप कह उठेंगे वाह

नई दिल्ली, CNG कार देखा है लेकिन अब आने वाले दिनों में आपको CNG बाइक भी देखने को मिलेंगे। दरअसल दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो CNG बाइक लॉन्च करने की योजना बना रही है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक साल के अंदर सीएनजी पावर्ड बाइक आ जाएगी, जिससे लोगों को महंगे पेट्रोल का सस्ता विकल्प मिल जाएगा और यह कार्बन-उत्सर्जन कम करने में भी कारगर होगा। बजाज की पहली सीएनजी बाइक प्लैटिना पर बेस्ड हो सकती है।

ऑटोमोबाइल्स कंपनी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अपने व्हीकल्स में नए-नए फ्यूल ऑप्शन्स की टेस्टिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में बजाज ऑटो अपने पोर्टफोलियो में एलपीजी (Liquified Petroleum Gas) और CNG (Compressed Natural Gas), इथेनॉल-मिश्रित फ्यूल विकल्प जोड़ने की योजना बना रहा है।

कंपनी का उद्देश्य किफायती विकल्प पेश करना है, जो रनिंग कॉस्ट को कम करने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी स्वच्छ हों। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Bajaj की सीएनजी-कम-पेट्रोल बाइक लगभग डेवलपमेंट के अंतिम चरण में है।

कंपनी ने इसके कुछ प्रोटोटाइप पहले ही तैयार कर लिए हैं और फिलहाल उसकी योजना 110cc बाइक का उत्पादन करने की है, जिसे औरंगाबाद और पंतनगर फैक्ट्री में तैयार किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि कंपनी इसे Platina नाम दे सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की शुरुआती योजना हर साल 1-1.2 लाख यूनिट्स प्रोड्यूस करने की थी, लेकिन यह संख्या बढ़कर 2 लाख यूनिट्स तक पहुंच चुकी है।

हाल ही में, बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक सीएनजी बाइक लोगों के लिए रनिंग कॉस्ट को आधा कर सकती है। हालंकि उन्होंने इसके लिए सरकार से भी मदद करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि CNG मोटरसाइकिल 100-110cc सेगमेंट में कीमत को लेकर चुनौती का समाधान कर सकती है। साथ ही उन्होंने सीएनजी वीइकल्स पर जीएसटी रेट कम करने की भी अपील की थी।

इससे पहले मारुति सुजुकी भी सरकार से सीएनजी गाड़ियों पर जीएसटी रेट कम करने की अपील कर चुकी है। बता दें कि आने वाले समय नें बजाज के टू-व्हीलर्स के साथ ही अन्य छोटे वाहनों में अलग-अलग फ्यूल और गैस के विकल्प मिल सकते हैं।

दरअसल, दुनियाभर की कंपनियां ईको-फ्रेंडली मोबिलिटी सॉल्यूशन देने की कोशिश में है और इस बाबत पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को सीमित किया जा रहा है। पर्यावरण की दृष्टि से भी ये प्रयोगी काफी उपयोगी साबित हो सकता है।

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