सागर, मध्य प्रदेश के सागर जिले में हज़रत पैगंबर मोहम्मद साहब पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद तनाव का माहौल बन गया। रविवार, 7 सितंबर 2025 को मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
इस घटना ने शहर में हलचल मचा दी, और स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में बल तैनात किया। CCTV फुटेज और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच शुरू कर दी गई है, जबकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।
घटना का प्रारंभ: सोशल मीडिया पर भड़की चिंगारी
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद शनिवार देर रात तब शुरू हुआ, जब सागर के गोपालगंज क्षेत्र के एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की। यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया। रविवार सुबह तक यह खबर शहर के विभिन्न हिस्सों में फैल चुकी थी, और सैकड़ों लोग जामा मस्जिद के पास इकट्ठा हो गए।
सागर SP विवेक सिंह ने बताया, “हमें सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत मिली थी। हमने तुरंत इसकी जांच शुरू की और पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ IPC की धारा 295-A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।” हालांकि, पुलिस ने अभी तक आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
सड़कों पर प्रदर्शन: भारी भीड़ और नारेबाजी
रविवार सुबह करीब 10 बजे मुस्लिम समुदाय के लोग जामा मस्जिद और सिविल लाइंस क्षेत्र में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारियों ने प्लेकार्ड्स और बैनर लेकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग की। भीड़ ने ‘न्याय दो, गिरफ्तार करो’ और ‘पैगंबर की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं’ जैसे नारे लगाए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर टायर जलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित किया।
स्थानीय निवासी मोहम्मद राशिद ने बताया, “यह टिप्पणी हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है। हम शांति से अपनी बात रख रहे हैं और चाहते हैं कि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिले।” प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं ने सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिससे यह मुद्दा और तूल पकड़ गया।
पुलिस का एक्शन: भारी बल तैनात, CCTV फुटेज की जांच
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सागर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। SP विवेक सिंह और ASP लोकेश सिन्हा के नेतृत्व में 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी और CRPF की एक टुकड़ी शहर के संवेदनशील इलाकों में तैनात की गई। जामा मस्जिद, गोपालगंज, और सिविल लाइंस में ड्रोन और CCTV फुटेज के जरिए निगरानी की जा रही है।
SP विवेक सिंह ने बताया, “हमने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। शहर में शांति बनाए रखने के लिए हमने अतिरिक्त बल तैनात किया है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, और हम सोशल मीडिया पोस्ट की सत्यता की जांच कर रहे हैं।”
पुलिस ने सागर के बाजार क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत चार से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है। साथ ही, इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि अफवाहें और भड़काऊ सामग्री को रोका जा सके।
समुदाय के नेताओं की प्रतिक्रिया
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सागर जिला अध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह खान ने इस घटना की निंदा की और कहा, “पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी अस्वीकार्य है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि दोषी को जल्द गिरफ्तार किया जाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएँ।” उन्होंने समुदाय से शांति बनाए रखने और कानून का सहारा लेने की अपील की।
वहीं, AIMIM के स्थानीय नेता शाहिद अली ने कहा, “यह सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश है। मध्य प्रदेश सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
मध्य प्रदेश में पहले भी हुए विवाद
यह कोई पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में धार्मिक टिप्पणियों को लेकर विवाद हुआ हो। 2024 में हैदराबाद के अफजलगंज में यति नरसिंहानंद की पैगंबर पर टिप्पणी के बाद व्यापारियों ने बंद का आह्वान किया था। 2022 में BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बवाल मचाया था, जिसके बाद सागर सहित कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे।
सागर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. रमेश यादव ने कहा, “सोशल मीडिया ने ऐसी घटनाओं को तूल देने में बड़ी भूमिका निभाई है। लेकिन हमें यह भी समझना होगा कि ऐसी टिप्पणियाँ समाज को बाँटने का काम करती हैं। प्रशासन को न केवल दोषियों को पकड़ना चाहिए, बल्कि जागरूकता अभियान भी चलाना चाहिए।”
प्रशासन की अपील: शांति बनाए रखें
सागर कलेक्टर संदीप सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। मैं सभी समुदायों से अपील करता हूँ कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।”
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी X पर पोस्ट किया, “सागर की घटना दुखद है। हम किसी भी तरह की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की इजाजत नहीं देंगे। पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कृपया शांति और सद्भाव बनाए रखें।”