लखनऊ , चारों ओर से महंगाई के बोझ तले दबे आम आदमी की जेब पर एक और मार पड़ी है। लगातार दूसरे महीने एक बार फिर घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में 25 रुपए प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है। एलपीजी सिलेंडर के दामों में हुए इस इजाफे को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उज्ज्वला योजना को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है।
सपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को उज्ज्वला योजना का नाम बदलने की नसीहत देते हुए कहा, रसोई गैस के दाम 25 रुपए और बढ़ाकर बीजेपी सरकार ने आम लोगों के घरों के चूल्हे ‘बुझा’ दिए हैं। उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए।
बता दें कि देशभर में घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में बुधवार को 25 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई है। तेल कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 859 रुपए प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर है।
यह कीमतों में बढ़ोतरी का लगातार दूसरा महीना है। इससे पहले एक जुलाई को कीमतों में 25.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की गई थी। गैर-सब्सिडी वाले रसोई गैस की दरों में एक अगस्त को इसी अनुपात में वृद्धि की गई थी, और अब सब्सिडी वाले रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की गई है।
रसोई गैस के दाम 25 रुपया और बढ़ाकर भाजपा सरकार ने आम लोगों के घरों के चूल्हे ‘बुझा’ दिये हैं।
उज्ज्वला योजना का नाम बदलकर ‘बुझव्वला योजना’ कर देना चाहिए। #नहीं_चाहिए_भाजपा pic.twitter.com/gQjmiTLj0z
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 19, 2021
इसके साथ ही सब्सिडी वाली और बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस की दरों में शायद ही कोई अंतर हो। उद्योग सूत्रों ने कहा कि सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमत एक अगस्त को नहीं बढ़ाई गई, क्योंकि तब संसद का सत्र चल रहा था और ऐसे में विपक्ष सरकार पर हमला कर सकता था।
सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमत में एक जनवरी से कुल 165 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हो चुकी है। सरकार ने हर महीने दरों में बढ़ोतरी कर एलपीजी पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है। घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है।
एक मार्च 2014 को घरेलू गैस का खुदरा बिक्री मूल्य 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) था। इस बीच मूल्य अधिसूचना के अनुसार देश भर में डीजल की कीमतों में 19 से 21 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई, जबकि पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।