नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने गुरुवार को मुस्लिम समुदाय को एकजुट रखने के लिए बनाये गए इस्लामिक संगठन ‘हिज्ब-उत-तहरीर’को’आतंकवादी संगठन’घोषित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि यह संगठन आतंक के विभिन्न कृत्यों में शामिल है, जिसमें भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करना और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाना, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा पैदा करना शामिल है।
अमित शाह ने कहा, ”आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए, गृह मंत्रालय ने आज’हिज्ब-उत-तहरीर’को’आतंकवादी संगठन’घोषित किया है।” उन्होंने कहा, ”संगठन आतंक के विभिन्न कृत्यों में शामिल है, जिसमें भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकवादी संगठनों में शामिल करना और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाना शामिल है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा है।” उन्होंने आगे कहा, ”मोदी सरकार आतंक की ताकतों से सख्ती से निपटकर भारत को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
जानिए क्या है हिज्ब-उत-तहरीर?
हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना 1952 में यरूशलम में हुई थी। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इस संगठन का नेटवर्क यूरोप और दक्षिण एशिया सहित कई क्षेत्रों में फैला है। खासतौर पर इंडोनेशिया में इसकी अच्छी खासी पकड़ है। कहा जाता है कि इस संगठन का उद्देश्य दुनिया में इस्लामिक राष्ट्र की स्थापना करना और नास्तिक विचारों को खत्म करना है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर का नेटवर्क 50 से अधिक देशों में फैला हुआ है, और इसके 10 लाख से ज्यादा सदस्य हैं। यह संगठन चीन, जर्मनी, रूस, इंडोनेशिया, तुर्की, अरब और बांग्लादेश जैसे कई देशों में प्रतिबंधित है। अब भारत ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।