नई दिल्ली, वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मियों को दीपावली के मौके पर नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (एडहॉक बोनस) देने की घोषणा की है। इसके तहत सभी पात्र कर्मियों को 30 दिन के वेतन जितनी राशि मिलेगी।
केंद्र सरकार के ग्रुप बी और ग्रुप सी के अंतर्गत आने वाले वे अराजपत्रित कर्मचारी, जो किसी प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस स्कीम के तहत नहीं आते हैं, उन्हें भी यह बोनस दिया जाएगा। एडहॉक बोनस का फायदा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सभी योग्य कर्मियों को भी मिलेगा।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, एडहॉक बोनस के तहत जो रकम दी जाती है, उसका निर्धारण करने के लिए एक नियम बनाया गया है। कर्मियों का औसत वेतन, गणना की उच्चतम सीमा के अनुसार, जो भी कम हो, उसके आधार पर बोनस जोड़ा जाता है। यदि किसी कर्मी को सात हजार रुपये मिल रहे हैं, तो उसका 30 दिनों का मासिक बोनस लगभग 6907 रुपये रहेगा। इस तरह के बोनस का फायदा, केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को ही मिलेगा, जो 31 मार्च 2021 को सेवा में रहे हैं। उन्होंने साल 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने तक लगातार ड्यूटी दी है। वित्त मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, जो कर्मचारी अस्थायी तौर से एडहॉक बेस पर नियुक्त हुए हैं, उन्हें भी ये बोनस मिलेगा, बशर्ते उनकी सेवा के बीच कोई ब्रेक न रहा हो।
ऐसे कर्मचारी जो, 31 मार्च 2021 को या उससे पहले सेवा से बाहर हो गए, उन्होंने त्यागपत्र दे दिया हो या सेवानिवृत हुए हों, उसे स्पेशल केस माना जाएगा। इसके तहत वे कर्मी, जो अमान्य तरीके से मेडिकल आधार पर 31 मार्च से पहले रिटायर हो गए या दिवंगत हो गए हैं, लेकिन उन्होंने वित्तीय वर्ष में छह माह तक नियमित ड्यूटी की है तो उसे एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा। इसके लिए संबंधित कर्मचारी की नियमित सेवा की निकटवर्ती संख्या को आधार बनाकर ‘प्रो राटा बेसिस’ पर बोनस तय होगा।
वे कर्मचारी, जो प्रतिनियुक्ति, विदेश सेवा, केंद्र शासित प्रदेश या किसी पीएसयू में 31 मार्च 2021 को कार्यरत हैं तो उन्हें लेंडिंग डिपार्टमेंट यानी उधार देने वाला विभाग, यह बोनस नहीं देगा। ऐसे केस में उधार लेने वाले संगठन की जिम्मेदारी बनती है कि वह एडहॉक बोनस, पीएलबी, एक्सग्रेसिया और इंसेंटिव स्कीम आदि प्रदान करे, बशर्तें वहां ऐसे प्रावधान चलन में हों। यदि कोई कर्मचारी ‘सी’ या इससे ऊपर के ग्रेड में है और उसे वित्तीय वर्ष के दौरान बीच में ही विदेश सेवा से वापस बुला लिया जाता है, तो इस बाबत एडहॉक बोनस का नियम बनाया गया है। इसके तहत वित्तीय वर्ष में विदेशी विभाग से यदि उस कर्मी के मूल विभाग को बोनस और एक्सग्रेसिया राशि मिली है, तो संबंधित कर्मी को वह राशि दे दी जाएगी। रिवर्ट होने के बाद भी यदि कर्मी का केंद्र सरकार की तरफ बोनस बकाया है ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार उसके एडहॉक बोनस पर प्रतिबंध लगा सकती है।
राज्य सरकार, संघ क्षेत्र और पीएसयू से कोई कर्मचारी यदि रिवर्स डेपुटेशन पर केंद्र सरकार में आता है तो उन्हें एडहॉक बोनस दिया जाएगा। ऐसे कर्मी, जो सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद दोबारा से जॉब में आए हैं, उन्हें नए कर्मचारी मानकर बोनस का निर्धारण होगा। ऐसे कर्मचारी, जो वित्तीय वर्ष के दौरान अर्ध वेतन अवकाश पर हैं, ईओएल पर हैं या शैक्षणिक अवकाश लिए हुए हैं, इन्होंने यदि उक्त अवधि के अलावा नियमों से परे कोई अवकाश लिया है तो वह अवधि गिनी नहीं जाएगी। हालांकि एडहॉक बोनस के लिए वह पीरियड ब्रेक इन सर्विस, नहीं माना जाएगा। अनुबंध वाले कर्मचारी, जो दूसरे भत्ते जैसे महंगाई भत्ता व अंतरिम राहत आदि के लिए योग्य है, तो उसे एडहॉक बोनस भी मिलेगा। यदि कोई कर्मचारी उक्त भत्तों की श्रेणी में नहीं आता है तो उसे केजुअल लेबर के हिसाब से बोनस दिया जाएगा।
यदि कोई कर्मचारी, वित्तीय वर्ष में सस्पेंड रहा है तो उसके लिए बोनस के अलग नियम बनाए गए हैं। ऐसे कर्मी, जब सेवा में दोबारा आते हैं और उन्हें पहले वाले सभी लाभ मिलते हैं तो उस स्थिति में उन्हें एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ट्रांसफर होने वाले कर्मी एडहॉक बोनस के योग्य माने जाएंगे, यदि उनकी सेवा में कोई ब्रेक नहीं है। ऐसे मामले में दोनों विभागों के सर्विस पीरियड को जोड़ा जाएगा। ऐसे कर्मी जो प्रतियोगी परीक्षा पास कर एक विभाग से दूसरे विभाग में चले गए हैं, वे भी एडहॉक बोनस के योग्य होंगे। हालांकि ऐसे मामलों में जो बोनस की राशि दी जाएगी, वह उस विभाग द्वारा जारी होगी, जहां वह कर्मचारी 31 मार्च 2021 को कार्यरत रहा है। वे कर्मचारी, जिन्हें सरकारी विभाग से ट्रांसफर किया गया है, क्या वे एडहॉक बोनस के योग्य होंगे, इस बाबत कहा गया है कि उनका बोनस वह विभाग काउंट करेगा, जहां पर वे 31 मार्च को सेवा में थे।
सामान्य तय वेतन पर काम करने वाले पार्ट टाइम कर्मियों को यह बोनस नहीं मिलेगा। वे कर्मचारी जो पिछले तीन साल से अलग अलग विभागों में काम कर रहे थे और 31 मार्च 2021 को भी वे किसी विभाग में थे, इनके लिए भी एक नियम बनाया गया है। इनकी योग्यता तीन साल के कार्यकाल से तय होगी। एक साल में 240 दिन के दौरान वे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चले गए हों और उन्हें एक्सग्रेसिया या दूसरे भत्ते नहीं मिलें हों तो उन्हें यह बोनस मिलेगा। यदि कोई केजुअल लेबर है और उसे वित्तीय वर्ष में नियमित किया गया है, लेकिन वह 31 मार्च 2021 को छह माह की नियमित सेवा वाली योग्यता पूरी नहीं करता है, तो उसे एडहॉक बोनस का फायदा नहीं मिलेगा। उसे नियमित कर्मी की भांति इस बोनस का लाभ नहीं दिया जा सकता।