नई दिल्ली, कैंसर की बीमारी हर साल अपना दायरा बढ़ा रही है. हालांकि अगर सही समय रहते पता चल जाए तो इसे हराया जा सकता है. कैंसर ट्रीटमेंट की चुनौतियों और मरीजों को तकलीफ से छुटकारा दिलाने के लिए ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा टीका तैयार किया है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि वो बस सात मिनट में इस बीमारी का इलाज कर देगा.
मेडिकल साइंस की तरक्की के इस युग में कुछ भी संभव है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने जो इंजेक्शन विकसित किया है वो कैंसर के उपचार में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा.
मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी मिलेगी राहत
‘रॉयटर्स’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर के इस टीके को बनाने वाली टीम ने सरकार से मंजूरी मांगी है. उनका कहना है कि यह मंजूरी न केवल उन्हें अपने मरीजों के लिए सुविधाजनक और तेज देखभाल प्रदान करने की सुविधा देगी, वहीं डॉक्टरों को एक दिन में पहले से ज्यादा मरीजों का इलाज करने में सक्षम बनाएगी.
यानी ब्रिटेन का हेल्थ डिपार्टमेंट विभाग दुनिया की पहली ऐसी सर्विस देने जा रहा है, जो देश के सैकड़ों कैंसर मरीजों को इस ‘चमत्कारी’ इंजेक्शन के जरिए जल्द से जल्द ठीक करने के साथ उनके इलाज में लगने वाले समय को भी तीन चौथाई तक कम कर देगा. मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) से मंजूरी लेने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जिन सैकड़ों रोगियों का अभीतक इम्यूनोथेरेपी से इलाज किया गया था, उन सभी को अब एटेज़ोलिज़ुमैब का इंजेक्शन दिए जाने की तैयारी है, जिससे अधिक बेहतर नतीजे मिलेंगे.
एटेज़ोलिज़ुमैब, जिसे टेकेंट्रिक भी कहा जाता है, उसे सीधे इंट्रावेनस इंजेक्शन के रूप में दिया जाएगा या फिर ड्रिप के जरिए नसों में पहुंचाया जाएगा. इस प्रॉसेस में करीब 7 मिनट का वक्त लगेगा और मरीज को जल्द से जल्द आराम आएगा.
एटेजोलिजुमाब एक इम्यूनोथेरेपी ट्रीटमेंट है. ये कैंसर सेल्स को शरीर में खोजकर उनको नष्ट करेगा. फिलहाल लंग्स, ब्रेस्ट, और लिवर कैंसर के मरीजों को ये ट्रीटमेट दिया जाएगा. अब तक इससे कैंसर के ट्रीटमेंट को आसान बनाने में काफी मदद मिलेगी. यानी दवा कम समय में शरीर में जाएगी और कैंसर सेल्स को खत्म करने का काम करेगी.
इम्यूनो थेरेपी ट्रीटमेंट होता क्या है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इम्यूनोथेरेपी ट्रीटमेंट में शरीर के इम्यून सिस्टम को एक्टिव किया जाता है. इससे यह कैंसर सेल्स को पहचानता है और उन्हे खत्म कर देता है. इस इंजेक्शन के माध्यम से कैंसर मरीजों के शरीर में इम्यूनोथेरेपी वाली दवाएं पहुंचाई जाएंगी. जिससे यह कैंसर सेल्स को खत्म करेंगी. इम्यूनोथेरेपी कैंसर ट्रीटमेंट का एक पार्ट है, हालांकि अभी यह कुछ ही देशों में यह चलन में है.
दुनियाभर में कैंसर की बीमारी विकराल रूप ले चुकी है. हर साल लाखों लोग इस बीमारी से मर रहे हैं. महिलाओं में ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर तो पुरुषों में प्रोटेस्टेट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं. कैंसर पीड़ितों का कहना है कि कीमोथेरेपी एक कष्टप्रद इलाज है. ऐसे एक सवाल के जवाब में इंग्लैंड के कैंसर संस्थान के राष्ट्रीय निदेशक प्रोफेसर पीटर जॉनसन ने कहा, ‘दुनिया में इस तरह के पहले ऐसे इलाज से मरीजों को अस्पताल में कम रुकना होगा. वहीं डॉक्टर कीमोथेरेपी जैसे जटिल ट्रीटमेंट में लगने वाला बहुमूल्य समय बचा सकेंगे. कैंसर रोगियों के इलाज के दौरान उनके जीवन की सर्वोत्तम संभव गुणवत्ता बनाए रखना हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए त्वचा के इंजेक्शन लगाने से कैंसर के इलाज में एक बड़ी क्रांति आएगी.’