लखनऊ, शहर में चौराहों से लेकर मुख्य सड़कों तक फैले अवैध बस और टैक्सी स्टैंड से यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शासन के निर्देश पर प्रशासन हरकत में आया है डीएम ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि विशेष अभियान चलाकर 29 अप्रैल तक शहर को अवैध बस स्टैंड और टैक्सी स्टैंड से मुक्त किया जाए और संचालकों को चिन्हित कर माफिया घोषित किया जाएगा।
डीएम अभिषेक प्रकाश ने राजधानी से अवैध ऑटो और टैक्सी स्टैंड हटाने के लिए और ऐसे संचालकों को माफिया के रूप में चिन्हित करने के लिए सभी इलाकों में पांच सदस्यीय एक-एक कमेटी का गठन किया है। मंगलवार को डीएम ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कमेटी में जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम व परिवहन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाकर अवैध ऑटो व टैक्सी सटैंड हटवाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रतिदिन की रिपोर्ट भी मांगी है।
डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि कमेटी में नगर मजिस्ट्रेट, एसडीएम व एसीएम स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में सभी इलाकों के लिए टीमों पांच सदस्यीय टीमों का गठन किया गया है। इस टीम में प्रशासन के साथ पुलिस के क्षेत्रीय सहायक पुलिस आयुक्त, नगर निगम के क्षेत्रीय जोनल अधिकारी, क्षेत्रीय सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) और क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक नगर बस सेवा को अवैध ऑटो व टैक्सी सटैंड हटवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा यही टीम ऐसे संचालकों को माफिया के रूप में चिन्हित कर सूची भी बनाएगी और कानूनी कार्रवाई भी करेगी। डीएम ने बताया कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में संचालित सभी अवैध स्टैंड हटवाने के साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि निधारित ऑटो व टैक्सी स्टैंड पर ही सवारियां उतारी और चढ़ाई जाएं। डीएम ने बतायया कि इन्हें संचालित करने वालों को माफिया के रूप में चिन्हित कर उनके खिलाफ गुंडा, गैंगस्टर व अन्य गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
30 अप्रैल के बाद जिस इलाके में ऐसे अवैध स्टैंड चलते मिलेंगे, वहां के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बताया कि इस तरह के अवैध स्टैंड के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या तो होती है। कई बार ये हादसों की वजह भी बनते हैं। साथ ही इनके संचालन की आड़ में माफिया अवैध उगाही और मारपीट करते हैं। ऐसे में पुलिस, जिला प्रशासन संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर अभियान चलाने को कहा गया है।