नई दिल्ली, उपभोक्ता सामान कंपनियों द्वारा कच्चे माल और ढुलाई भाड़े में बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर डालने के बाद नए साल में एयर कंडीशनर एसी) और रेफ्रिजरेटर की कीमतें बढ गई हैं। इसके अलावा वॉशिंग मशीन के दाम इस महीने बाद में या मार्च तक पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। पैनासोनिक, एलजी, हायर सहित कई कंपनियां पहले ही कीमतों में बढ़ोतरी कर चुकी हैं, जबकि सोनी, हिताची, गोदरेज अप्लायंसेज इस तिमाही के अंत तक मूल्यवृद्धि पर निर्णय ले सकती हैं। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन सिएमा) के मुताबिक, उद्योग जनवरी से मार्च तक कीमतों में 5-7 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगा।
हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष सतीश एन एस ने कहा, जिंस कीमतों, वैश्विक ढुलाई भाड़े और कच्चे माल की लागत में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद हमने रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर श्रेणियों में अपने उत्पादों की कीमतों में तीन से पांच प्रतिशत तक की वृद्धि करने के लिए कदम उठाए हैं। पैनासोनिक पहले ही अपने एसी की कीमतों में आठ प्रतिशत तक की वृद्धि कर चुकी है। पैनासोनिक इंडिया के डिविजनल निदेशक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स) फुमियासु फूजिमोरी ने कहा कि जिंसों के दाम और बढ़ने तथा आपूर्ति श्रृंखला की वजह से एसी कीमतों में और बढ़ोतरी को सकती है। दक्षिण कोरिया की उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी ने घरेलू उपकरणों की श्रेणी में कीमतों में वृद्धि की है।
एलजी ने कहा कि कच्चे माल और लॉजिस्टिक्स की लागत में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के उपाध्यक्ष, घरेलू उपकरण और एयर कंडीशनर कारोबार दीपक बंसल ने कहा, हमने नवेन्मेषी उपायों के जरिये लागत का बोझ खुद उठाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन कारोबार को टिकाऊ बनाए रखने के लिए कीमत वृद्धि जरूरी है। जॉनसन के नियंत्रण वाली हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गुरमीत सिंह ने कीमतों में बढ़ोतरी को अपरिहार्य करार देते हुए कहा कि कच्चे माल, करों और परिवहन सहित उत्पादन की लागत बढ़ी है। ऐसे में ब्रांड अप्रैल तक कीमतों में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगा। उन्होंने कहा कि हम चरणबद्ध तरीके से अप्रैल तक दाम कम से कम आठ से 10 प्रतिशत बढ़ाएंगे।
सिएमा के अध्यक्ष एरिक ब्रागांजा ने कहा, त्योहारी सीजन की वजह से उद्योग ने मूल्यवृद्धि को टाल दिया था। लेकिन अब विनिर्माताओं के पास कीमत वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जनवरी से मार्च तक उद्योग कीमतों में पांच से सात प्रतिशत की वृद्धि करेगा।