कोरोना के डेल्टा स्वरूप के आगे वैक्सीन कमजोर न पड़ जाए, इसके लिए बूस्टर टीका आ गया है। टीके की तीसरी खुराक को वैज्ञानिकों ने बूस्टर डोज का नाम दिया है, जो डेल्टा से लड़ने में शरीर की प्रतिरक्षा को दस गुना ताकतवर बना देगा। अमेरिकी टीका निर्माता फाइजर-बायोएनटेक ने बूस्टर डोज के परीक्षण के शुरूआती परिणाम शुक्रवार को जारी किए। कंपनी ने कहा है कि वह अगले माहीने अमेरिका और यूरोपीय संघ से बूस्टर टीके के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए आवेदन करेगा।
फाइजर-बायोएनटेक के बयान के अनुसार, बूस्टर खुराक की प्रभावशीलता पता लगाने के लितए परीक्षण जारी है, जिसके शुरूआती आंकड़ों से पता लगा है कि टीके की यह खुराक मूल कोरोना वायरस और इसके विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ एंटीबॉडी के स्तर को दो खुराकों के मुकाबले पांच से दस गुना तक बढ़ा देगी। कंपनी का दावा है कि बूस्टर डोज का परीक्षण के दौरान ठीक ऐसा ही प्रभाव डेल्टा वेरिएंट पर देखा गया जो कि दुनिया का अब तक का सर्वाधिक संक्रामक स्वरूप है।
फाइजर-बायोएनटेक ने शुक्रवार को कहा कि वह जल्द ही परीक्षण का विस्तृत डाटा और समीक्षात्मक अध्ययन भी प्रकाशित करेगी। वह इस डाटा को अगस्त में अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन, यूरोपीय संघ के यूरोपीयन मेडिसिन्स एजेंसी व अन्य कई देशों के एफडीए को उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि उन देशों में बूस्टर डोज के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी का आवेदन किया जा सके। यानी अगस्त के अंत तक कोरोना के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने वाली दुनिया की पहली बूस्टर डोज उपलब्ध हो जाएगी।
डेल्टा से लड़ने के लिए एक तरफ मौजूद टीकों की बूस्टर खुराक बनाई जा रही है, तो दूसरी ओर खास तरह का टीका तैयार किया जा रहा है। इस टीके की पहली खेप जर्मनी में तैयार की जा रही है।