बहराइच हिंसा मामले में भाजपा बनाम भाजपा, विधायक ने लिखाई एफआईआर… जो आरोप लगाए, उससे मची सनसनी

बहराइच, बीजेपी महसी विधायक सुरेश्वर सिंह ने बीजेपी नगर अध्यक्ष समेत सात नामजद व अज्ञात लोगों पर 13 अक्टूबर की रात महराजगंज गोलीकांड के बाद मृतक रामगोपाल के शव को अस्पताल चौराहा पर रखकर प्रदर्शन कर रही भीड़ को समझाने के दौरान उनके काफिले पर पत्थरबाजी और फायरिंग का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

नगर कोतवाली में दर्ज विधायक महसी सुरेश्वर सिंह की एफआईआर के अनुसार, 13 अक्टूबर को महाराजगंज में हुई हिंसा में मृतक रामगोपाल के शव को बहराइच मेडिकल कॉलेज के बाहर गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी।

वे अपने अंगरक्षकों व अन्य सहयोगियों के साथ शव रखे लोगों के पास पहुंचे। इसके बाद डीएम से मिलने सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां सीएमओ, सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे। सभी को साथ लेकर दोबारा से मृतक के परिजनों व ग्रामीणों के पास पहुंचे और बातचीत कर शव को मोर्चरी ले जाने लगे।
तभी कुछ उपद्रवी जिसमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय अध्यापक, सुधाशुं सिंह राणा व अज्ञात भीड़ नारेबाजी कर गाली-गलौज करने लगी।

शव मोर्चरी में रखवाकर वे और डीएम जैसे ही आगे बढ़ते है और गाड़ी मुड़ती है। उक्त लोगों द्वारा कार को रोकने और शेष बचे लोगों को जान से मारने की नीयत से पत्थर चलाने लगते है, उसी दौरान भीड़ से फायरिंग भी होती है। कार का शीशा टूट गया, घटना में बेटा अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बचे। सीसीटीवी फुटेज से घटना स्पष्ट होने की बात कही।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने अर्पित के बीजेपी नगर अध्यक्ष होने की पुष्टि की है। नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर दंगा करने, घातक हथियार से हमला करने, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालने, मारपीट सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच हिंसा मामले एक और कार्रवाई करते हुए एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को पद से हटा दिया है। उनकी जगह डीजीपी मुख्यालय में तैनात एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को बहराइच भेजा गया है। इससे पहले सीओ महसी को भी हटाया गया था। बताते चलें कि हिंसा के आरोपियों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ को भी जिम्मेदारी दी गई है।

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