लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में पराजय से आशंकित सत्तारूढ़ बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने ‘साजिशी रणनीति’ बनाने के लिये हाल में चित्रकूट समेत कई जिलों में बैठकें की थीं. उन्होंने कहा कि जनता के सत्तारुढ़ बीजेपी सरकार के प्रति गहराते असंतोष से पार्टी शीर्ष नेतृत्व भलीभांति परिचित हो गया है।
अखिलेश यादाव ने कहा कि ”आगामी विधानसभा चुनाव में उसके हाथ से सत्ता फिसलता देख हताश-निराश बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की एक माह में चित्रकूट, वृंदावन और लखनऊ में बैठकें हुई हैं. इन बैठकों का एजेण्डा साजिशी रणनीति बनाना है ताकि किसानों और करोड़ों बेरोजगार नौजवानों से किए गए वादों को किसी तरह भुलाया जा सके और लोगों को बहकाने के लिए नये-नये तरीके ढ़ूंढे जाएं.” उन्होंने कहा कि ”बीजेपी के पास अपनी उपलब्धि के नाम पर गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है और बीजेपी का मातृ संगठन यानी संघ इन हालात से चिंतित है और लगातार चिंतन-मनन में जुटा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 में झूठे वादे करके सत्ता हथियाने वाली बीजेपी के वादों की भूलभुलैया जब बेनकाब होने लगी है तो बीजेपी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की चित्रकूट और वृंदावन में पांच-पांच दिन की कार्यशाला के बाद लखनऊ में मैराथन बैठकों से जाहिर हो गया है कि डोर तो संघ के पास है और बीजेपी उसकी कठपुतली है. यादव ने कहा कि इन दोनों के चंगुल से लोकतंत्र को मुक्त कराने का काम समाजवादी पार्टी ही कर सकती है. अखिलेश ने कहा कि ”बीजेपी सरकार और संघ की सक्रियता के चलते प्रदेश की अस्मिता को भी खतरा है. भारत का शासन संविधान से चलता है पर संघ-बीजेपी अपना नया संविधान थोपना चाहते हैं।