नई दिल्ली, भाजपा ने लोकसभा चुनावों के लिए घोषित पहली सूची में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी समेत 195 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं, लेकिन इनमें बिहार, महाराष्ट्र व कर्नाटक जैसे बड़े राज्य बाकी हैं, जहां गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अधिकांश पुराने चेहरों पर दिखाया भरोसा दिखाया है, लेकिन दिल्ली में भावी रणनीति को देखते हुए कई चेहरे बदले हैं। क्षत्रपों में भी फेरबदल किया गया है और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय राजनीति में लाया जा रहा है। मेनका व वरुण गांधी पर अभी पेंच फंसा है, जबकि बिगड़े बोल वाले नेताओं से दूरी बनाई गई है। पार्टी ने राज्यसभा के 11 सांसदों को भी लोकसभा के मैदान में उतारा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी सीट से चुनाव मैदान में हैं। वहीं, लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अमेठी से महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, चंदौली से केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, लखीमपुर-खीरी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा (टेनी) महराजगंज से केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और मोहनलालगंज से राज्य मंत्री कौशल किशोर को फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, फैजाबाद (अयोध्या) से लल्लू सिंह को टिकट दिया गया है। पहली सूची में पांच महिला उम्मीदवारों को मौका मिला है, जिसमें हेमा मालिनी (मथुरा), केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (फतेहपुर), स्मृति ईरानी (अमेठी), रेखा वर्मा (धौरहरा) और नीलम सोनकर (लालगंज) अपने क्षेत्रों से तीसरी बार अपनी किस्मत आजमाएंगी।
उत्तर प्रदेश की 29 और उत्तराखंड की दो सीटें अभी बाकी हैं। हालांकि, इनके समीकरण अलग-अलग हैं। इनमें मेनका गांधी और वरुण गांधी की सीटें भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि वरुण गांधी को टिकट नहीं देना है, जबकि मेनका की सीट को लेकर फैसला होना बाकी है। मेनका को लेकर एक वर्ग में संशय भी है। उत्तराखंड की गढ़वाल और हरिद्वार सीट पर भी पेंच फंसा है। गढ़वाल के साथ पूर्वी दिल्ली को भी रोका गया है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और रमेश पोखरियाल निशंक को लेकर फैसला नहीं कर पाई है, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी लोकसभा चुनाव लड़ाना है। पूर्वी दिल्ली में भी उत्तराखंडी मतदाताओं की ज्यादा संख्या होने से इसे भी रोका गया है।
राजस्थान की अभी 15 सीटें घोषित हुई हैं। इनमें भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला और चार केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी एवं भूपेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे एवं सांसद दुष्यंत सिंह को एक बार फिर झालावाड़-बारां सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस से भाजपा में आए महेंद्रजीत मालवीय और ज्योति मिर्धा को भी लोकसभा का टिकट दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी एक बार फिर चित्तौड़गढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने चुरू से नए चेहरे देवेंद्र झाझड़िया को टिकट दिया है। झाझड़िया पैरालंपिक में दो बार स्वर्ण और एक बार रजत पदक जीत चुके हैं।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने गए और हार गए दो सांसदों गणेश सिंह और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से उम्मीवार होंगे, जबकि भोपाल से मौजूदा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का टिकट काटकर पार्टी ने आलोक शर्मा को वहां से उम्मीदवार बनाया है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर अपने पुराने संसदीय क्षेत्र गुना से लड़ेंगे।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने अभी सहयोगियों के साथ सीटों के तालमेल वाले राज्यों बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक को लेकर चर्चा नहीं की है। यहां पर तालमेल को अंतिम रूप दिया जाना है। अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इन राज्यों पर चर्चा होने की संभावना है। पार्टी नेताओं का कहना है कि मोटे तौर पर सीटों का बंटवारा हो गया है, कुछ सीटों को चिह्नित करने का काम बाकी है।
भाजपा ने छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। सूची में एक पूर्व सांसद और एक पूर्व विधायक समेत तीन महिला उम्मीदवारों का नाम शामिल है। राज्य के वरिष्ठ नेता और अभी प्रदेश में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पहली बार लोकसभा चुनाव रायपुर से लड़ेंगे। अन्य उम्मीदवारों में सांसद संतोष पांडेय (राजनांदगांव) व विजय बघेल (दुर्ग) को टिकट दिया गया है। राज्यसभा में दोबारा नहीं भेजी गई सरोज पांडेय (कोरबा) से चुनाव लड़ेंगी। चिंतामणि महाराज (सरगुजा), कमलेश जांगड़े (जांजगीर), राधेश्याम राठिया (रायगढ़), तोखन साहू (बिलासपुर), रूपकुमारी चौधरी (महासमुंद), महेश कश्यप (बस्तर) और भोजराज नाग (कांकेर) भी उम्मीदवार बनाए गए हैं। पार्टी ने रायपुर, महासमुंद, कांकेर और जांजगीर सीट पर मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया। चिंतामणि महाराज विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 11 में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी।