लखनऊ, उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को अपने 91 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी। इस सूची में पार्टी के राज्य सरकार के मंत्रियों सिद्धार्थ नाथ सिंह, उपेंद्र तिवारी, नंदकुमार गुप्ता नंदी, सूर्य प्रताप शाही को उम्मीदवार घोषित किया गया है।
पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक सूची के मुताबिक सिंह इलाहाबाद पश्चिम से, तिवारी बलिया जिले के फेफना, नंदी इलाहाबाद दक्षिण और शाही पत्थरदेवा से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी को पार्टी ने देवरिया से उम्मीदवार बनाया है। पिछले दिनों भाजपा में शामिल हुए समाजवादी पार्टी के विधायक सुभाष राय को आम्बेडकर नगर जिले की जलालपुर सीट से टिकट दिया गया है। इसी प्रकार कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राकेश सचान को भोगनीपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।
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इसके साथ ही भाजपा ने 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब तक 294 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा अपना दल एस और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।
लेकिन, इस सूची में लखनऊ का नाम उस से गायब था टिकट के दावेदारों की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, लखनऊ में कई दिग्गज हैं, जिनके टिकट को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर आम लोगों में चर्चा है। सबसे अधिक चर्चा सरोजिनी नगर और कैंट विधानसभा सीटों को लेकर है।
चुनाव से पहले ही यह दोनों सीटें राष्ट्रीय फलक पर सुर्खियां बन चुकी है। इसकी कई वजह हैं सर नगर सीट में जहां प्रदेश की बाल कल्याण मंत्री स्वाति सिंह विधायक हैं और इस बार टिकट की दावेदार हैं।
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वहीं उनके पति जो प्रदेश उपाध्यक्ष हैं वह भी टिकट की रेस में है दोनों के बीच टिकट को लेकर लगातार जोर आजमाइश चल रही है आरोप-प्रत्यारोप के बीच कई बार मीडिया में सूचना भी बन चुका है बताया जा रहा है कि पार्टी के उच्च स्तर पर भी दोनों के बीच चल रहे विवाद पर नाराजगी जाहिर की है अब तक नगर का टिकट किसके हाथ लगता है यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा ठीक इसी तरह लखनऊ कैंट की हाई प्रोफाइल सीट भी चर्चा में है। अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद से लोगों की दिलचस्पी इस सीट को लेकर और बढ़ गई है क्या अपर्णा को कैंट का टिकट मिलेगा यह बड़ा सवाल है
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दरअसल, भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी इस सीट पर अपने बेटे की दावेदारी को लेकर कई नेताओं से मिल चुकी हैं वह लगातार कह रही है कि मेरे बेटे ने काम किया है, इसलिए उसे टिकट मिलना चाहिए 10 सीट को लेकर भी भाजपा में चल रहा है।
रणनीतिकार कह रहे हैं कि संसदीय समिति टिकट फाइनल करने से पहले सभी पक्षों को संतुष्ट करना चाहती है। ताकि चुनाव में भाजपा को इसका नुकसान न उठाना पड़े। इन 2 सीटों के अलावा लखनऊ में मध्य सीट को लेकर भी काफी गहमागहमी है यहां से कानून मंत्री बृजेश पाठक विधायक हैं।
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पिछले चुनाव में 5000 वोटों से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उनकी भी सीट बदले जाने की चर्चा जोरों पर है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि आज उम्मीदवार घोषित हो जाएंगे लेकिन अब लग रहा है कि टिकट के दावेदारों को कुछ इंतजार और करना होगा।