कोरोना पर करेगी वार भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली वैक्सीन

नई दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ स्वदेशी टीका विकसित करने वाली भारत बायोटेक को इसके नाक से दिए जाने वाले टीके के आगे के चरणों के परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए गए पहले नाक से दिए जाने वाले टीके (नेजल वैक्सीन) को नियामक से दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुमति मिल गई है। इस टीके के विकास में बायोटेक्नोलॉजी विभाग और इसकी पीएसयी बायोटेक्नोलॉजी उद्योग शोध सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने सहयोग किया है।

भारत बायोटेक के मुताबिक नेजल स्प्रे की सिर्फ 4 बूंदों की जरूरत होगी. नाक के दोनों छेदों में दो-दो बूंदें डाली जाएंगी. इसके लिए अरबों की सुईयों को जरूरत नहीं पड़ेगी. डॉक्टरों के मुताबिक इसके लिए किसी ट्रेनर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे लोग सेल्फ भी ले सकेंगे. अब इसके नतीजे आने का इंतजार है. भारत में वैक्सीन के दो डोज को हर नागरिक तक पहुंचाने में काफी वक्त लग सकता है, ऐसे में ये वैक्सीन गेम चेंजर साबित हो सकती है।

वहीं हाल ही में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ वायरोलॉजी के साथ बैठक में मीसा वैक्सीन ने दावा किया कि टीका लगने के बाद वायरस अटैक करता है तो दवा उसे वहीं निष्क्रिय कर देगी. कोरोना को रोकने के लिए वैक्सीन ही सबसे बड़ा हथियार मानी जा रही है. इंजेक्शन से दी जाने वाली वैक्सीन के अलावा नाक से दी जाने वाली वैक्सीन के भी ट्रायल जारी हैं. इसके कई सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि कोरोना से बचाव के लिए नाक से दी जानी वाली नेजल वैक्सीन मौजूदा टीकों की तुलना में ज्यादा कारगर असरदार हो सकती है. दुनियाभर में छह नेजल वैक्सीन का पहले चरण में परीक्षण चल रहा है.

 

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