मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले वोटरों को रेवड़ी, 70 लाख बकायादारों के 450 करोड़ माफ करने की तैयारी में सरकार

भोपाल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सरकार बिजली बिल न भर पाए छोटे उपभोक्ताओं को इस भार से मुक्त करने की तैयारी कर रही है. 27 अगस्त को भोपाल में लाड़ली बहना सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद ऊर्जा विभाग इसका मसौदा तैयार कर रहा है.

जिसके अनुसार प्रदेश में 1 किलो वॉट के सिंगल फेस कनेक्शन वाले बकायादारों के अगस्त तक के बिल माफ किए जाएंगे. मप्र में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार कुल उपभोक्ता 1.25 करोड़ हैं, जिनमें 1 किलोवाट भार वाले 1 करोड़ उपभोक्ता हैं इनमें 70 लाख बकायादार उपभोक्ता हैं, जिन पर 450 करोड़ रुपए का बकाया है.

वरिष्ठ अधिकारिक सूत्रों के अनुसार गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस मसौदे को मंजूरी मिलनी थी. लेकिन कुछ संशोधनों के कारण यह प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं रखा जा सका. अब सितंबर के पहले सप्ताह तक इस पर शासन की मुहर लगने के बाद इस पर अमल शुरू हो जाएगा. इसके बाद सितंबर में इन उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आएगा.

5 वर्ष में तीसरी बार बिजली माफ होंगे बिल

2018: विधानसभा चुनाव से पहले जुलाई में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि पंजीकृत श्रमिक और बीपीएल परिवारों पर जून 2018 तक के बकाया की वसूली नहीं होगी. उस वक्त 5 हजार 179 करोड़ की राशि माफ की गई.

2022: मार्च 2022 में सीएम शिवराज ने कोरोना काल के बिजली बिल माफ करने का ऐलान किया. उन्होंने अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के बिलों को माफ करने की घोषणा की थी. सरकार ने लगभग 6414 करोड़ रुपए माफ कि​ए.

2023: इस वर्ष फिर विस चुनाव से पहले प्रदेश में एक किलोवाट भार वाले उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को माफ किया जा रहा है. इन उपभोक्ताओं पर करीब 450 करोड़ बकाया है.

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