नई दिल्ली, दुनियाभर में कोरोना महामारी के तीसरी लहर का कहर बढ़ता जा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर कमर्शियल पैसेंजर सर्विस के निलंबन को 28 फरवरी 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
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नागर विमानन महानिदेशालय ने सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि फ्लाइट्स के निलंबन का असर कार्गो और डीजीसीए की मंजूरी वाली फ्लाइट्स पर नहीं पड़ेगा।
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बता दें DGCA कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण 31 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवाओं को स्थगित कर दिया था। भारत आने-जाने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कोविड-19 महामारी के कारण 23 मार्च 2020 से ही बंद हैं। फिलहाल, पिछले जुलाई 2020 से करीब 28 देशों के साथ हुए एयर बबल समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें संचालित हो रही हैं।
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गौरतलब है कि उड़ाने रद्द होने से एयरलाइंस कंपनियों को बड़ा घाटा होगा। खबरों के अनुसार, कोरोना वायरस की तीसरी लहर और विमान ईंधन की कीमतों में तेजी से एयरलाइन कंपनियों का घाटा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर रिकॉर्ड 20,000 करोड़ रुपए पर पहुंच सकता है।
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क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विमानन कंपनियां इस वित्त वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के अपने अब तक के सबसे बड़े शुद्ध घाटे की ओर बढ़ रही हैं। यह घाटा पिछले वित्त वर्ष में 13,853 करोड़ रुपये के घाटे से 44 प्रतिशत ज्यादा होगा।
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