लखनऊ, बलरामपुर अस्पताल में गुरुवार को कॉर्डियोलॉजी (हृदय रोग विभाग) की ओपीडी इंटर्न के भरोसे चली। अस्पताल में तैनात दोनों कॉर्डियक डॉक्टर ओपीडी के दौरान मौजूद नहीं रहे। इंटर्न ने ही मरीजों को देखा और दवाएं लिखकर चलता कर दिया। उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दिल के मरीजों को इलाज मिलने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। सभी मरीजों को देखकर इलाज दिया गया।
बलरामपुर अस्पताल में इन दिनों हृदय रोग विभाग की ओपीडी में दिल के मरीजों को इलाज मिलना दुश्वार होता जा रहा है। रोजाना ओपीडी एक कॉर्डियोलॉजिस्ट के भरोसे ही चल रही थी। गुरुवार को दोनों ही डॉक्टर ओपीडी के समय न होने से मरीजों को इलाज मिलने में दिक्कत हुई। दरअसल, अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. यूसुफ अंसारी एक माह की वीआईपी ड्यूटी पर हैं, जबकि दूसरे डॉ. प्रवीण शर्मा ने बुधवार रात की आईसीयू की नाइट शिफ्ट की थी। इसलिए वह अपनी नाइट शिफ्ट के बाद गुरुवार सुबह अस्पताल से निकल गए। गुरुवार सुबह हृदय रोग की ओपीडी में एक इंटर्न बैठ गया। उसी इंटर्न ने मरीजों को देखा और दवाएं लिखकर सलाह देते हुए इलाज दिया।
वहीं डॉ. अतुल मेहरोत्रा सीएमएस बलरामपुर ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि मैने खुद जाकर वहां के सारे नए मरीज मेडिसिन ओपीडी में भेजे। पुराने मरीजों के लिए जूनियर डॉक्टर हृदय रोग विभाग की ओपीडी में बिठाकर सभी मरीजों को अटेंड करवाया। कोई मरीज लौटा नहीं है। फिजिशियन ने दिल के मरीजों को देखकर इलाज दिया।