इस्लामाबाद, आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ ली. आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के एकमात्र सिविलियन राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए हैं. वह दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनें हैं.
उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार महमूद खान अचकजई को बड़े अंतर से हराया है.
जरदारी पाकस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति और पीपीपी के सह-अध्यक्ष हैं. उन्होंने 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति के रूप में भी काम किया है.
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने राष्ट्रपति भवन ‘ऐवान-ए-सद्र’ में जरदारी को शपथ दिलाई. उन्हें सीनेट के संयुक्त सत्र में 255 वोट मिले. जरदारी अगस्त 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य हैं. जरदारी 1987 में बेनजीर भुट्टो से शादी के बाद चर्चा में तब आए, जब 1988 में चुनाव के बाद उनकी पत्नी पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनीं थी. जरदारी का विवादों से भी काफी नाता रहा. 1990 में राष्ट्रपति गुलाम इशाक खान ने भुट्टो की सरकार को बर्खास्त कर दिया था. तब भ्रष्टाचार और घोटालों में शामिल होने के कारण जरदारी की व्यापक रूप से आलोचना की गई थी. 1993 में जब बेनजीर भुट्टो दोबारा प्रभानमंत्री चुनी गईं, तो जरदारी ने संघीय निवेश मंत्री और पाकिस्तान पर्यावरण संरक्षण परिषद के अध्यक्ष के रूप में काम किया.
कहा जाता है कि आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के सबसे विवादास्पद राजनीतिक शख्सियतों में से एक हैं. जरदारी का जन्म 1955 में दक्षिणी प्रांत सिंध में हुआ था. उन्होंने 11 साल का लंबा वक्त जेल में बिताया था. भुट्टो 1988 से 1990 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं और फिर 1993 से 1996 तक देश की पीएम बनीं. वह किसी मुस्लिम देश में लोकतांत्रिक सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं. इस बीच, जरदारी को जबरन वसूली और अपहरण के आरोप में तीन साल की जेल हुई, लेकिन सलाखों के पीछे से नेशनल असेंबली के लिए चुने गए. भुट्टो के दूसरे कार्यकाल में, उन्होंने निवेश मंत्री के रूप में काम किया. 1996 में भुट्टो की सरकार गिरने के बाद जरदारी आधे घंटे के अंदर ही सलाखों के पीछे पहुंच गये थे. वह निवर्तमान डॉ. आरिफ अल्वी का स्थान लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था.
पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज प्रक्रिया से होता है, जिसमें संघीय और प्रांतीय असेंबली के सदस्य मतदान करते हैं. जरदारी के प्रतिद्वंदी अचकजई सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के उम्मीदवार थे. इमरान खान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अचकजई सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के बैनर तले राष्ट्रपति चुनाव में उतरे. बता दें, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 325 सदस्य हैं. साथ ही 91 सीनेटर्स हैं. पंजाब असेंबली में 354, सिंध असेंबली में 157, खैबर पख्तूनख्वा में 117 और बलूचिस्तान असेंबली में 65 सदस्य हैं.