नई दिल्ली, घर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जियों में से एक आलू अब सावधानी की मांग कर रहा है। बताया जा रहा है कि बलिया में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की छापेमारी में नकली और रंगीन आलू बरामद हुए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
अधिकारियों ने पाया कि व्यापारी एक क्विंटल आलू पर 400 रुपये का अतिरिक्त मुनाफा कमाने के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापारी आलू पर कृत्रिम रंग लगाकर उसे ताजा और आकर्षक दिखाने की कोशिश करते हैं। ग्राहक उन्हें नया आलू समझकर खरीद लेते हैं, लेकिन असल में ये रंगे हुए और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं। ऐसे आलू का लगातार सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।
छापेमारी में नकली आलू का भंडाफोड़
जानकारी के अनुसार, सहायक आयुक्त द्वितीय खाद्य अधिकारी डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि बाजार में नकली आलू की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। तत्काल कार्रवाई करते हुए 21 क्विंटल कृत्रिम रंग के आलू जब्त किए गए, जिनकी कीमत करीब 56000 रुपये है। इन आलूओं को गेरू मिट्टी और अन्य रसायनों से चमकीला बनाया गया था, ताकि ग्राहक धोखा खाकर इन्हें खरीद लें।
नकली आलू की पहचान कैसे करें?
गंध से पहचानें
असली आलू में प्राकृतिक गंध होती है, जबकि नकली आलू में केमिकल की गंध आ सकती है।
आलू को काटकर जांचें
असली आलू का अंदरूनी रंग बाहरी रंग से मिलता-जुलता होता है, जबकि नकली आलू में यह असामान्य हो सकता है।
पानी में डुबोकर पहचानें
असली आलू पानी में डूब जाता है, जबकि नकली आलू या केमिकल से भारी बनाए गए आलू पानी में तैर सकते हैं।
नकली आलू किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा रहे हैं
बलिया जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजयपति द्विवेदी ने बताया कि गेरू रंग की मिट्टी और केमिकल से रंगे आलू लीवर और किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इसके सेवन से धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है और सूजन, कब्ज, भूख न लगना जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की।