नई दिल्ली, आज कैंसर पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है. हर साल बड़ी संख्या में लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. इसके एक नहीं कई कारण हैं. ICMR के मुताबिक, भारत में साल 2022 में कैंसर के 14.6 लाख केस थे, जो 2025 तक बढ़कर 15.7 लाख हो सकते हैं.
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है. यह कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल ही करीब 8 लाख लोगों की मौत कैंसर से हो गई थी. ये आंकड़ा साल दर साल बढ़ते ही जा रहे हैं. कैंसर का मुख्य कारण खराब खानपान, वायु प्रदूषण और फिजिकल एक्टिविटी का कम होना है. हर दिन हम कई ऐसे काम करते हैं, जो कैंसर को बढ़ावा दे सकते हैं. इन्हीं में से एक है टूथपेस्ट और शैंपू का इस्तेमाल. माना जा रहा है कि दोनों प्रोडक्ट्स को यूज करने से कैंसर बढ़ सकता है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स…
अब सबसे बड़ा सवाल कि क्या सुबह-शाम जो टूथपेस्ट हम कर रहे हैं, उससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. टोरंटो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में बताया गया है कि टूथपेस्ट में ट्राइक्लोसन कंपाउंड पाया जाता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. ये ऐसा प्रोडक्ट है जो शरीर में कैंसर फैलाने वाले फैक्टर को एक्टिव कर देता है. कई टूथपेस् में ट्राइस्कोसन काफी ज्यादा पाया जाता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है. कैंसर रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ट्राइस्कोसन आंतों के गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकता है. जिससे आंतों का कैंसर फैल सकता है. इसलिए टूथपेस्ट का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ड्राई शैंपू का कारण बन सकता है. ड्राई शैंपू में बेंजीन नाम का केमिकल पाया जाता है, जो शैंपू इस्तेमाल के दौरान केमिकल शरीर में चला जाता है और ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. यही कारण है कि कुछ महीने पहले ही एफडीए ने अमेरिका के बाजारों से कई ब्रांड के ड्राई शैंपू पर बैन लगा दिया गया. ये ऐसे शैंपू थे, जिनमें बेंजीन ज्यादा पाई गई थी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ड्राई शैंपू यूज करने के दौरान बालों को गीला करना पड़ता है. ये स्पप्रे की तरह होता है. इसमें बेंजिन ज्यादा पाया जाता है, जिससे ये कैंसर का कारण बन सकता है. इसलिए सावधानी पूर्वक ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए.