तेलंगाना सरकार का ऐलान हर दलित परिवार के सीधे खाते में आएगी 10 लाख की आर्थिक मदद

हैदराबाद, दलितों की आर्थिक मदद के लिए तेलंगाना सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. इसमें दलित परिवारों के खाते में सीधे 10-10 लाख की आर्थिक मदद की बात कही गई है. बताया गया है कि पहले चरण में 11,900 लोगों को इसके लिए चुना जाएगा. इसमें 119 विधानसभाओं की हर विधानसभा सीट से 100-100 परिवारों के लोगों में से एक को इसके लिए चुना जाएगा।

बताया गया है कि रायथु बंधु योजना की तरह इसमें भी पैसा सीधा चुने गए लोगों के बैंक खातों में डाला जाएगा. रविवार को ‘मुख्यमंत्री दलित अधिकारिता कार्यक्रम’ पर चर्चा हुई थी. इसमें सभी पार्टी के सदस्य शामिल थे. दलितों को आर्थिक स्तर पर मजबूत बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है. सीएम चंद्रशेखर राव की सत्ताधारी पार्टी TRS ने दावा किया कि स्कीम दलितों के जीवन में जरूरी बदलाव लाएगी।

इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यादाद्रि में बन रहे श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर (Sri Lakshmi Narasimha Swamy temple ) के निर्माण कार्य का जायजा लिया और काम को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है. तेलंगाना सरकार इस मंदिर के निर्माण और यादाद्रि शहर के विकास में करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. यह जगह हैदराबाद से 80 किलोमीटर दूर है. सीएम के इस दौरे पर बीजेपी ने निशाना भी साधा है।

मंदिर का निर्माण कार्य 2016 में शुरू हुआ था. तब से सीएम अबतक वहां के ऐसे करीब 14 दौरे कर चुके हैं. सीएम ने वहां अधिकारियों को श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना की स्थिति फिलहाल कंट्रोल में है और अब निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए।

KCR ने कहा कि सारा काम दो या ढाई महीने में पूरा हो जाना चाहिए. साथ-साथ जहां-जहां काम की स्पीड धीमी हो वहां के ठेकेदारों को बदलने का भी निर्देश दिया गया. सीएम ने यादाद्रि में 5 हजार गाड़ियों की पार्किंग बनाने का भी सुझाव दिया है।

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की इस यात्रा पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी यूनिट ने निशाना साधा है. बीजेपी नेता गुडूर नारायण रेड्डी ने कहा कि सीएम को किसानों के प्रति भेदभाव वाला रवैया नहीं अपनाना चाहिए. उन्होंने किसानों के लिए बेहतर पुनर्वास और पुनर्वास पैकेज की मांग की. बता दें कि यादाद्रि में बसवापुर जलाशय बनाया जाना है. इसकी वजह से वहां तीन गांवों (बीएन तिम्मापुर, लब्बानाइक टांडा और चोकलानाइक टांडा) के किसानों की जमीन जाएगी. कुल 4,250 एकड़ जमीन ली जाने वाली है. 2 हजार एकड़ का मुआवजा दिया जा चुका है, लेकिन बाकी का बाकी है.

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