ईमानदार दरोगा ने भ्रष्टाचार से त्रस्त हो कर खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लगाए गंभीर आरोप

सीतापुर, उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दरोगा ने थाने में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह 10.30 बजे मछरेहटा थाने में हुई इस वारदात ने पुलिस महकमे में जारी रिश्वतखोरी की पोल खोलकर रख दी।

सुसाइड से पहले दरोगा मनोज कुमार (54) ने प्रदेशवासियों के नाम खुला पत्र लिखा है। बताया कि इमानदारी से काम करने वाला हर कर्मचारी परेशान है। टीआई हर विवेचना में रुपए मांगते हैं।

फोन पर बहस हुई और मार ली गोली
दरोगा मनोज कुमार (54) कुछ देर पहले ही घर से आए थे। इस दौरान किसी से फोन पर बहस हुई और सर्विस रिवॉल्वर निकालकर कनपटी में गोली मार ली। फायरिंग की आवाज सुन पुलिसकर्मी दौड़े और तत्काल अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। दरोगा का सुसाइड नोट मिला है, लेकिन पुलिस अफसर इसकी पुष्टि नहीं कर रहे।

5 माह पहले हुई थी पोस्टिंग
घटना के बाद सीतापुर एसपी चक्रेश मिश्रा अस्पताल पहुंचे। मीडिया को बताया कि मनोज फतेहपुर के रहने वाले थे। 5 माह पहले मछरेहटा थाने में उनकी पोस्टिंग हुई थी। पुलिस घटना की जांच कर रही है। मोबाइल सीज कर कर जांच के लिए भेजा जाएगा। परिजनों की सूचना दे दी गई है।

सुसाइड नोट में मछरेहटा थाने के SHO राजबहादुर सिंह पर रिश्वतखोरी के आरोप हैं। बताया गया कि सभी कर्मचारी परेशान हैं। सभी विवेचनाओं में वह रुपए की मांग करते हैं। मांग पूरी न होने पर अपमानित किया जाता है। सुसाइड नोट में कुछ अन्य लोगों के नाम लिखे हैं। लेटर में लापता किशोरी के बरामद न होने का भी जिक्र है। बताया कि इस केस में मैं अकेले काम करता रहा। किसी ने सहयोग नहीं किया।

इटावा में भी दरोगा ने खुद को मार ली थी गोली
तीन दिन पहले रविवार को इटावा में भी दरोगा सत्येंद्र वर्मा (40) ने सर्विस रिवॉल्वर से कनपटी में गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। SI सत्येंद्र वर्मा हरदोई के रहने वाले थे। कुछ दिन से डिप्रेशन में थे। पत्नी सविता ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी से छुट्टी मांग रहे थे, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिली, जिससे परेशान होकर आत्महत्या की है।

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