अमेरिका में नाइट्रोजन गैस वाली पहली सजा-ए-मौत! जिसने भी देखा उसकी कांप गई रूह, अब हो रहा चारों ओर विरोध

वॉशिंगटन, अमेरिका में पहली बार दोषी हत्यारे केनेथ यूजीन स्मिथ नाम के एक शख्स को नाइट्रोजन गैस से सजा-ए-मौत दी गई. इसको लेकर अमेरिका में विवाद खड़ा हो गया है. इसकी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र और व्हाइट हाउस ने भी निंदा की थी.

22 मिनट की इस घातक कार्रवाई में 58 वर्षीय हत्यारे को कई मिनट तक छटपटाते देखा गया, जिसे उनके आध्यात्मिक सलाहकार रेवरेंड जेफ हुड ने हॉरर शो के रूप में बताया है. इस सजा-ए-मौत की कार्रवाई में गवाहों में से एक पुजारी ने कहा कि यहां तक ​​कि जेल कर्मचारी भी इस दृश्य को एक सदमा बता रहे हैं.

हुड ने द न्यूयॉर्क पोस्ट को उन्होंने बताया कि उनके चेहरे पर स्पष्ट आश्चर्य था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने सामने लोगों के चेहरों पर भय देखा. स्मिथ के रूप में लोगों से हांफने की आवाज सुनी थी. सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने कहा कि यह हॉलीवुड के किसी सीन जैसा था. यह एक ऐसा दृश्य है जो मुझे कभी नहीं भूला जाएगा.

नाइट्रोजन हाइपोक्सिया निष्पादन, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से “अप्रयुक्त मानव प्रयोग” के रूप में जाना जाता है. यह विधि अलबामा के होल्मन जेल में की गई थी. यह अमेरिका में घातक इंजेक्शन वाली कार्रवाई से अगला बदलाव है. यह विधि कैदी को श्वासयंत्र मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन के बजाय नाइट्रोजन सांस लेने के लिए मजबूर करती है. हूड ने दावा किया है कि जेल अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि इस पद्धति से तुरंत मौत हो जाएगी, लेकिन फांसी का वास्तविक दृश्य इससे दूर नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि यह करीब तात्कालिक होने वाला था. उन्हें बताया गया कि यह त्वरित, आसान और दर्द रहित होगा. वे कहते रहे कि लोगों को फांसी देने का यह समाज का अब तक का सबसे मानवीय तरीका है. कि वह कुछ ही सेकंड में बेहोश होकर चला जाता था. हमने कल रात जो देखा वो एक डरावने शो जैसा था. उन्होंने कहा कि स्मिथ पानी से बाहर मछली की तरह लग रहे थे, जो बार-बार फड़फड़ा रहा था.

व्हाइट हाउस ने शनिवार को कहा कि वह फांसी की सजा से बहुत परेशान है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क, यूरोपीय संघ और नागरिक स्वतंत्रता समूहों ने भी स्मिथ की फांसी के तरीके पर चिंता व्यक्त की. केनेथ यूजीन स्मिथ 1988 में एक पादरी की पत्नी की किराए के बदले हत्या का दोषी ठहराए जाने के बाद तीन दशकों से ज्यादा समय तक मौत की सजा पर था.

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