125 साल पुराने भारतीय डाकघर अधिनियम में संशोधन, राज्यसभा में डाकघर विधेयक पास

नई दिल्ली, राज्यसभा ने 125 साल पुराने भारतीय डाकघर अधिनियम में संशोधन के लिए डाकघर विधेयक, 2023 पारित किया. इस अधिनियम में भारतीय डाक को केन्‍द्रीय सरकार का विभागीय अधिकरण बनाना है.

इसके तहत सरकार डाक के माध्‍यम से देश की सुरक्षा और सार्वजनिक प्रशासन से संबंधित भेजी गई किसी भी वस्‍तु को बीच में ही रोक सकती है. भारतीय डाक अपने नियमानुसार सेवा उपलब्‍ध कराने के अतिरिक्‍त किसी अन्‍य मामले का जिम्‍मेदार नहीं होगी.

सदन में यह विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय डाक देश के लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग रहा है और पिछले 9 वर्षों में सरकार ने विभाग को पुनर्जीवित किया है. वैष्‍णव ने कहा कि सरकार ने इसे डाक पहुंचाने की प्रणाली से सेवा प्रदाता प्रणाली में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक 5,000 नए डाकघर खोले गए हैं. जिसका और विस्तार किया जाना है.

 

कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार आम लोगों की जगह निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहती है. इस विधायक पर चर्चा में भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी, घनश्याम तिवारी, राकांपा सदस्य डॉ. फौजिया खान और अन्नाद्रमुक के एम. थंबीदुरई ने भी भाग लिया.

Related Posts