नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को औसतन वायु प्रदूषण की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। मौके की नजाकत को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आम लोगों, सरकार और निजी दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए खास एडवाइजरी जारी की है।
प्रदूषण नियंत्रक ने लोगों से साफ कहा है कि घरों से बाहर निकलने से बचें। यही नहीं इसने सरकार और निजी कंपनियों से भी कहा है कि वह अपनी वाहनों की संख्या कम करें और कार-पूलिंग, वर्क फ्रॉम होम जैसे बचाव के उपाय अपनाएं। दिल्ली-एनसीआर में आज हवा की औसत गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है, जो इस सीजन में सबसे खराब है।
दफ्तरों के वाहनों के इस्तेमाल में 30% की कमी करें- सीपीसीबी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को लोगों को सलाह दी है कि वह घरों से बाहर निकलने से बचें। सीपीसीबी ने सरकारी और निजी दफ्तरों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए वाहनों के इस्तेमाल में कम से कम 30 फीसदी की कमी करें। इससे पहले हुई एक समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई है कि 18 नवंबर तक प्रदूषकों के छंटने के लिए मौसम संबंधी परिस्थितियां बहुत ही प्रतिकूल हैं, क्योंकि रात के समय में हवा बहुत ही शांत रह रही है। सीपीसीबी की ओर से कहा गया है, ‘सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों और दूसरे प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वाहनों के उपयोग में कम से कम 30 फीसदी की कमी लाएं (वर्क फ्रॉम होम, कार-पूलिंग, बाहरी गतिविधियों को व्यवस्थित करने जैसे कदम उठाकर)।’
बाहरी गतिविधियों को सीमित रखने की सलाह।
शुक्रवार को शामिल 4 बजे दिल्ली में 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 471 था, जो कि इस सीजन का अबतक का सबसे खराब हाल है। गुरुवार को यह 411 रिकॉर्ड किया गया था। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद में 460, गाजियाबाद में 486, ग्रेटर नोएडा में 478, गुरुग्राम में 448 और नोएडा में सबसे ज्यादा 488 दर्ज किया गया। वायु की गुणवत्ता का यह सारा रिकॉर्ड शाम 4 बजे तक का है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आम लोगों को भी सलाह दी है कि ‘वह बाहर की गतिविधियों को सीमित रखें और एक्सपोजर को कम से कम कर दें।’ इसमें यह भी कहा गया है कि निर्देशों को तामील कराने वाली एजेंसियां उचित स्तर पर निश्चित तौर पर उठाए गए कदमों पर निगरानी रखेंगे और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और संबंधित समितियों को रोजाना रिपोर्ट पेश करेंगे, जो उसकी समीक्षा करेगी और फिर उसे कमीशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट और सीपीसीबी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
यह भी तय किया गया है कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए 8 नवंबर को जारी आदेश के तहत सुझाए गए उपाय और ज्यादा सख्ती के साथ जारी रहेंगे। सोमवार को ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के तहत दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए गंभीर उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए एक उप-समिति गठित की गई थी। इसके अतिरिक्त ‘मध्यम’, ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी से संबंधित उपाय भी जारी किए गए हैं। निर्देशों के अनुसार, ‘संबंधित एजेंसियां जीआरएपी (ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान) के अनुसार ‘आपातकालीन’ श्रेणी के तहत उपायों को अमल कराने के लिए निश्चित तौर पर पूरी तरह से तैयार रहेंगी।’