सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद आतिशी बनी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री

नई दिल्ली, दिल्ली को आतिशी के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया है. आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 17वीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई. उनके साथ आम आदमी पार्टी के पांच विधायकों ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.

इसमें चार पुराने चेहरे हैं जबकि मुकेश अहलावत के रूप में एक नए चेहरे को शामिल किया गया है.

आतिशी दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक हैं. पहली बार 2020 में उन्होंने चुनाव जीता और विधायक निर्वाचित हुईं. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद 2023 में आतिशी पहली बार मंत्री बनीं. शिक्षा के साथ-साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाल रही थीं. पार्टी से जुड़े सियासी मुद्दों पर काफी मुखर भी रहीं और अपनी बात भी रखती रहीं हैं.

1- आतिशी: एक साल पहले मंत्री बनीं, अब CM- दिल्ली में आतिशी की गिनती अरविंद केजरीवाल की करीबी के साथ-साथ मनीष सिसोदिया के भरोसेमंद के रूप में होती है. सिसोदिया जब शिक्षा मंत्री थे तब भी आतिशी ने उनके साथ काम किया था. हर छोटे-बड़े मुद्दों पर मुखर रही हैं. पार्टी नेताओं के जेल में रहते हुए सरकार में काफी एक्टिव रहीं और एक साथ कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी लेकर चलीं. बड़े नेताओं की अनुपस्थिति में पार्टी संगठन और नेताओं को एकजुट बनाने में अहम भूमिका रही है.

2013 में जब पहली बार केजरीवाल की सरकार बनी थी तब से मंत्री हैं. सरकार से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी और पार्टी की बात रखते हैं. मौजूदा समय में आतिशी के बाद नंबर दो माना जाता है. आईटी कंपनी की नौकरी छोड़कर 2013 में पहली बार आम आदमी पार्टी से जुड़े और ग्रेटर कैलाश सीट से चुनाव लड़ा. इस सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं.

केजरीवाल सरकार में पर्यावरण मंत्री रहे. अन्ना आंदोलन के समय से ही केजरीवाल के साथ खड़े रहे. लोकपाल बिल को लेकर आवाज बुलंद की. आंदोलन से लेकर पार्टी के गठन तक अहम भूमिका निभाई. कई बार ऐसे समय आए जब पार्टी और केजरीवाल के लिए संकट मोचन बनकर उभरे. पार्टी के लिए कई कैंपेन की अगुवाई की.

2017 में कपिल मिश्रा के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार में शामिल हुए. पार्टी के बड़े जाट नेता हैं. उपराज्यपाल से मधुर संबंध की भी चर्चा रहती है. इस साल 15 अगस्त को उपराज्यपाल ने कैलाश गहलोत को ही झंडा फहराने के लिए चुना था जबकि केजरीवाल ने आतिशी का नाम आगे बढ़ाया था. दिल्ली की नजफगढ़ सीट से दो बार के विधायक हैं.

केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री रहे. पार्टी में इकलौता मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं. यही वजह है कि पार्टी ने आतिशी सरकार में भी उन्हें रिटेन किया है. दिल्ली के मुस्लिम वोटरों के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. पहले आरएलडी में थे, 2015 में आम आदमी पार्टी की सदस्यता ज्वॉइन की. केजरीवाल सरकार में खाद्य मंत्री रहे. दिल्ली की बल्लीमारान सीट से विधायक हैं.

आतिशी सरकार में पहली बार मौका दिया गया है. पार्टी में दलित चेहरा हैं. दिल्ली की सुल्तानपुर सीट से विधायक हैं. आगामी चुनाव में अहलावत के जरिए आप नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली को साधने की कोशिश में लगी हुई है. पहले बीएसपी में रहे, 2020 में आम आदमी पार्टी का दामन थामा.

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. इसके अलावा आतिशी दिल्ली की सबसे युवा सीएम भी हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड अरविंद केजरीवाल के नाम था.

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