अखिलेश यादव पर लगाया चाटुकारों से घिरे रहने का आरोप, तो उन नेताओं को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

लखनऊ, ये जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम’ नारे लगाने वाले तीन नेता आज समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिए गए। प्रदीप तिवारी, ब्रजेश यादव और पीडी तिवारी पर पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा है।

इन नेताओं ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर चाटुकारों से घिरे रहने और फोटो खिंचवाने वाली राजनीति करने का आरोप लगाया था। जिन नेताओं को पार्टी से बाहर किया गया है वे कभी अखिलेश यादव के दुलारे हुआ करते थे।

पार्टी से बाहर किए गए नेता सितंबर महीने में लखनऊ में एक बड़ी मीटिंग करने की तैयारी में थे। इसमें उन लोगों को बुलाने का फैसला हुआ था जिन्हें लगता है कि समाजवादी पार्टी अपने रास्ते से भटक गई है, लेकिन उससे पहले ही अखिलेश यादव ने इन सबको बाहर कर दिया है। समाजवादी पार्टी के कुछ युवा नेता इन दिनों बगावती मूड में हैं।

ये पहली बार हुआ है कि जिन नेताओं की पहचान अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से थी, अब वही उनके नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि अखिलेश ने अपने करीबी लोगों को ठेकेदारी पर पार्टी सौंप दी है। कभी अखिलेश के साथ साया की तरह रहने वाले ये नेता कहते हैं समाजवादी पार्टी इस हाल में तो बर्बाद हो जाएगी। पिछले कुछ दिनों से ये नेता लगातार इस तरह के बयान सार्वजनिक रूप से दे रहे थे।

समाजवादी पार्टी से बाहर निकाले जाने की जानकारी उन्हें मीडिया से मिली। ऐसे ही एक नेता ब्रजेश यादव ने कहा 2017 में मुलायम सिंह ने भी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। तब हम सबने नेताजी को छोड़ कर अखिलेश का साथ दिया था। आज वही अखिलेश हमें पार्टी से बाहर कर रहे हैं। उनका दावा है कि समय ऐसे लोगों का समय पर हिसाब करेगा।

ब्रजेश यादव समाजवादी युवजन सभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जब उन्होंने साइकिल यात्रा की थी, तब ब्रजेश हमेशा उनके साथ रहते थे। प्रदीप तिवारी उन दिनों समाजवादी लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष हुआ करते थे। उन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है। जबकि पीडी तिवारी विधानसभा चुनाव लड़ कर हार चुके हैं।

पार्टी से बाहर किए गए नेताओं की अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से अधिक उन्हें घेरे रखने वाले नेताओं से शिकायत है। कहा जा रहा है कि कभी अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे उनके करीबी नेता ही इस बगावत को पीछे से हवा दे रहे हैं। निकाले जाने से कुछ दिनों पहले पीडी तिवारी ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

उन्हें बताया था कि कैसे कुछ लोग उनके नाम पर पार्टी के समर्पित नेताओं का अपमान करते हैं। ये भी कहा गया कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में कई जगहों पर टिकट बेच दिए गए। इसीलिए कुछ सीटों पर बिना चुनाव लड़े समाजवादी पार्टी हार गई।

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