चुनाव आयोग के अनुसार EVM पूरी तरह से सुरक्षित, नहीं हो सकती किसी प्रकार की छेड़छाड़

नई दिल्ली, केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होंगे, जबकि झारखंड में दो चरणों में मतदान होगा।

झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को और दूसरे चरण का 20 नवंबर को होगा। दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

चुनाव तारीखों की घोषणा के दौरान, चुनाव आयोग ने ईवीएम से जुड़ी शिकायतों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव में ईवीएम को लेकर जो भी शिकायतें आई थीं, उन सभी का जवाब दिया जाएगा। चुनाव आयुक्त ने बताया कि ईवीएम की कई बार जांच की जाती है, और यह प्रक्रिया बहुत सख्त होती है। मशीन में बैटरी तभी लगाई जाती है जब वह कमिशनिंग के लिए तैयार होती है। मतदान से 5-6 दिन पहले मशीन में चुनाव चिह्न डाले जाते हैं और नई बैटरी लगाई जाती है। यहां तक कि बैटरी पर भी पोलिंग एजेंट्स के हस्ताक्षर होते हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने ईवीएम और पेजर की तुलनाओं पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि अगर पेजर को हैक किया जा सकता है, तो ईवीएम क्यों नहीं? लेकिन ईवीएम पेजर की तरह कनेक्टेड नहीं होती है। ईवीएम पूरी तरह से अलग होती है और इसे पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में कई स्तरों पर जांचा जाता है, जिससे गड़बड़ी की कोई संभावना नहीं रहती।

चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान से पहले ईवीएम की कमिशनिंग की जाती है, जिसमें बैटरी लगाई जाती है और चुनाव के चिह्न डालकर उसे सील किया जाता है। बैटरी पर उम्मीदवार के एजेंट्स के हस्ताक्षर होते हैं। ईवीएम को फिर स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है, जहां तीन लेयर की सुरक्षा होती है और डबल लॉक के साथ सील किया जाता है।

वोटिंग के दिन, ईवीएम को पोलिंग बूथ पर भेजा जाता है और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाती है। हर पोलिंग बूथ पर किस नंबर की मशीन जाएगी, इसका रिकॉर्ड रखा जाता है। पोलिंग एजेंट्स के सामने मशीन की जांच की जाती है और उन्हें वोट डालकर दिखाया जाता है कि मशीन सही तरीके से काम कर रही है।

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