नई दिल्ली, केंद्र सरकार की तरफ से जाइडस कैडिला की बिना सुई वाली कोविड वैक्सीन को लगभग एक सप्ताह पहले आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी थी. अब माना जा रहा है कि जाइडस कैडिला की यह वैक्सीन अक्टूबर माह पहले सप्ताह में उपलब्ध हो जाएगी।
इस बात के संकेत सरकार की तरफ से दिए गए. गुरुवार को सरकार की तरफ से कहा गया कि कोमॉरबिडिटी वाले बच्चों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी अभी इस पर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि जाइडस कैडिला की वैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे शुक्रवार को डीजीसीआई की तरफ से इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी गई थी. इसे वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को दिया जाएगा. यह देश की पहली वैक्सीन है जिसे 12 से अधिक और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दी जाएगी।
वैक्सीन की कीमत क्य होगी इस पर अभी किसी भी तरह का कोई निर्णय नहीं हुआ है. सरकार और कंपनी के बीच ZyCoV-D की खरीदारी की बातचीत जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में हम टीका उपलब्ध कराने की स्थिति में होंगे. केंद्रीय सचिव ने कहा कि हम कंपनी के सामने अपनी शर्ते रखेंगें और जो निर्णय होगा उसे मीडिया से साझा करेंगे।
केंद्रीय सचिव से जब पूछा गया कि क्या टीकाकरण में कोमॉरबिडिटी वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी तो उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौर में सभी बच्चों को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए या फिर कोमॉरबिडिटी वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाए यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर एनटीएजीआई की कोविड-19 समिति की सिफारिश के बाद फैसला लिया जाएगा।
आपको बता दें कि जायडस कैडिला वैक्सीन से पहले देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन, रूस की स्पुतनिक वी, मॉडर्ना और जानसन एंड जॉनसन की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा था. जाइडस ने 1 जुलाई को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था. Zydus Cadila की ZyCoV-D कोरोना वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल हुआ है।
यह ट्रायल 28000 हजार से अधिक लोगों पर किया था जो कि अभी तक भारत में अब तक का सबसे बड़ा टीका परीक्षण है. जाइडस की यह वैक्सीन दुनिया की पहली वैक्सीन है जो डीएनए बेस्ड है. Zydus ने डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ मिलकर बनाई है वैक्सिन. कंपनी ने कहा कि दिसंबर जनवरी महीने में वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर तीन से पांच करोड़ प्रति माह करने की योजना है।