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नई दिल्ली, तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने ‘जंप्ड डिपॉज़िट’ नामक एक नए प्रकार के धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी की है. यह स्कैम UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) यूजर्स को निशाना बनाता है और उनकी जिज्ञासा और भरोसे का फायदा उठाकर उनके खातों से पैसे चुरा लेता है.
कैसे होता है यह स्कैम?
छोटी रकम जमा करना:
धोखेबाज सबसे पहले पीड़ित के खाते में ₹5,000 जैसे छोटी राशि जमा करते हैं.
SMS अलर्ट:
इसके बाद पीड़ित को बैंक से SMS मिलता है, जिससे वे अपना बैलेंस चेक करने के लिए प्रेरित होते हैं.
ऐप का इस्तेमाल:
जब पीड़ित बैंकिंग ऐप खोलते हैं और PIN डालते हैं, तो अनजाने में वे पैसे निकालने की अनुमति दे देते हैं.
बड़ी रकम की चोरी:
इस प्रक्रिया में धोखेबाज पीड़ित के खाते से बड़ी रकम निकाल लेते हैं.
कैसे बचें इस स्कैम से?
तमिलनाडु पुलिस ने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
- रुकें और जांचें: अगर आपके खाते में अचानक कोई पैसा जमा होता है, तो तुरंत बैलेंस चेक करने से बचें. 15-30 मिनट इंतजार करें ताकि कोई फर्जी अनुरोध स्वतः रद्द हो जाए.
- गलत PIN डालें: अगर PIN डालने का अनुरोध आए, तो पहले एक-दो बार गलत PIN डालें, ताकि संभावित धोखाधड़ी रद्द हो जाए.
- संदिग्ध जमा की सूचना दें: अगर आपके खाते में बिना जानकारी के पैसा जमा हो, तो तुरंत बैंक को इसकी जानकारी दें और पुष्टि करें.
- व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखें: अपना PIN, OTP या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें, चाहे वह व्यक्ति बैंक का प्रतिनिधि ही क्यों न होने का दावा करे.
कहां करें कंप्लेन
अगर आप “जंप्ड डिपॉज़िट” स्कैम का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें. शिकायत दर्ज करने के लिए:
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रिपोर्ट करें.
- या नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें.
- समय पर शिकायत से जांच में मदद मिलती है और बड़े नुकसान को रोका जा सकता है. सुरक्षित रहें और सतर्क रहें!