नई दिल्ली, इंडोनेशिया के समीप प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देश पापुआ न्यू गिनी से नरसंहार का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। रिपोर्टों के अनुसार, एक गैंग ने हाल ही में महिलाओं और बच्चों सहित कई दर्जन लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संयुक्त राष्ट्र और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पापुआ न्यू गिनी के उत्तरी हिस्से में दूर दराज के तीन गांवों में एक गिरोह के हाथों कम से कम 26 लोगों के मारे जाने की खबर है। उन्होंने कहा है कि ये संख्या 50 के पार भी जा सकती है क्योंकि और कई लोग लापता हैं। दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र के ईस्ट सेपिक प्रांत के कार्यवाहक प्रांतीय पुलिस कमांडर जेम्स बाउगेन ने शुक्रवार को ‘ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्प’ को बताया ‘‘घटना बहुत भयावह थी…, जब मैं घटनास्थल पर पहुंचा तो देखा कि वहां बच्चे, पुरुष व महिलाओं की लाशें पड़ी थीं। उन्हें 30 युवकों के एक समूह ने मार डाला।’’
बाउगेन ने एबीसी को बताया कि गांवों के सभी घर जला दिए गए हैं और शेष ग्रामीण पुलिस थाने में शरण लिए हुए हैं। बाउगेन के अनुसार, ग्रामीण हमलावरों का नाम बताने से भी डर रहे हैं। उन्होंने बताया ‘‘रात में कुछ शवों को पास के दलदल के मगरमच्छों ने निवाला बना लिया। हमने केवल वह जगह देखी जहां उन्हें मारा गया था। लोगों के सिर काट दिए गए थे।’’ बाउगेन ने बताया कि हमलावर छिप गए हैं और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त वोल्कर तुर्क ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि हमले 16 जुलाई और 18 जुलाई को हुए थे। उन्होंने कहा ”मैं पापुआ न्यू गिनी में घातक हिंसा के अचानक फैलने से भयभीत हूं। यह हिंसा भूमि और झील के स्वामित्व और इसके इस्तेमाल संबंधी विवाद का परिणाम प्रतीत होती है।” तुर्क ने बताया कि कम से कम 26 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें 16 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा ‘‘यह संख्या बढ़ कर 50 से अधिक हो सकती है क्योंकि स्थानीय अधिकारी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा घरों को जला दिए जाने कारण 200 से अधिक ग्रामीण अन्यत्र चले गए है।’’