नई दिल्ली, एक देश में बच्चे पैदा करने की सख्त मनाही के चलते पिछले 95 साल में किसी भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ। यही नहीं यहां किसी को स्थाई नागरिकता नहीं मिलती, वहां रहने वाले सभी लोगों को अस्थाई नागरिकता ही मिलती है।
इस देश का नाम वेटिकन सिटी है । यहां पोप का शासन है बावजूद इसके इस देश की कुछ बातें हैरान करने वाली हैं। 0.44 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में ही फैली वेटिकन सिटी निश्चित रूप से एक संप्रभु देश है, लेकिन यह इटली के भीतर एक छोटा सा क्षेत्र है। इस देश में पोप की पवित्र सरकार चलती है। यह दुनिया भर के रोमन कैथोलिक ईसाइयों के लिए पूज्यनीय है।रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सभी धार्मिक नेताओं के घर कहे जाने वाले इस इस देश में एक भी बच्चा पैदा नहीं हुआ।
दुनिया के सबसे छोटे देश के तौर पर जाने जाते इस देश का निर्माण 11 फरवरी 1929 को हुआ था। हैरानी की बात है कि 95 साल बाद भी यहां कभी एक भी बच्चे का जन्म नहीं हुआ है। इसके पीछे जो वजह है, वो और भी ज्यादा हैरान कर देने वाली है। माना जाता है कि दुनिया भर के सभी कैथोलिक चर्चों और कैथोलिक ईसाइयों की जड़ें यहीं से हैं। दुनिया भर के कैथोलिक चर्च और उसके पादरियों और प्रमुख धार्मिक नेताओं को यहीं से नियंत्रित किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वेटिकन सिटी में अस्पताल न खोलने का निर्णय इसके छोटे आकार और आसपास के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं की निकटता के कारण लिया गया है। वेटिकन सिटी का क्षेत्रफल मात्र 118 एकड़ है।
हैरानी की बात यह भी है कि इस देश के अस्तित्व में आने के बाद से यहां कोई अस्पताल नहीं बना।अस्पताल बनाने के लिए कई बार अनुरोध किया गया लेकिन हर बार इसे अस्वीकार कर दिया गया। सभी रोगियों को इलाज के लिए रोम के क्लीनिक और अस्पतालों में जाना होता है। यहां कोई भी बच्चे को जन्म नहीं दे सकता क्योंकि यहां कोई डिलीवरी रूम नहीं है। यहां प्राकृतिक प्रसव नहीं होता या होने दिया जाता है। वेटिकन सिटी में जब कोई महिला गर्भवती होती है और उसकी डिलीवरी डेट नजदीक आती है तो यहां के नियमों के मुताबिक उसे बच्चे को जन्म देने तक देश से बाहर भेज दिया जाता है। यह नियम बहुत सख्त है इसलिए वेटिकन सिटी में 95 साल में एक भी बच्चा पैदा नहीं हुआ है। हां अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है या कोई महिला गर्भवती है तो उसे रोम के अस्पताल में भेज दिया जाता है या उसके देश भेजने की व्यवस्था की जाती है। इसका कानूनी कारण है कि वेटिकन सिटी में किसी को भी स्थायी नागरिकता नहीं मिलती है, यहां रहने वाले सभी लोग अपने कार्यकाल की अवधि तक ही यहां रहेंगे, तब तक उन्हें अस्थायी नागरिकता मिलती है। इस वजह से यहां ऐसे बच्चे पैदा नहीं होते, जिन्हें भविष्य में स्थायी नागरिकता मिल सके।
पादरियों और प्रमुख धार्मिक नेताओं का घर होने के बावजूद वेटिकन के निवासी खूब शराब पीते हैं। वेटिकन का औसत निवासी हर साल आश्चर्यजनक रूप से 74 लीटर वाइन पीता है। अत्यधिक शराब के सेवन के कई कारण हैं। शहर के एकमात्र सुपरमार्केट में शराब लगभग टैक्स फ्री मिलती है । ऐसे में इसकी खपत भी ज्यादा है । बता दें कि वेटिकन में केवल 800-900 लोग रहते हैं, जिनमें रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म से जुड़े वरिष्ठ पादरी भी शामिल हैं। वेटिकन सिटी में दुनिया का सबसे छोटा रेलवे स्टेशन भी है। इस स्टेशन पर 300 मीटर लंबे दो ट्रैक हैं और एक स्टेशन है जिसका नाम Citta Vaticano हैय पोप पायस XI के शासनकाल के दौरान रेलवे लाइनें और रेलवे स्टेशन बनाए गए थे। इसका उपयोग केवल सामान ढोने के लिए किया जाता है । वेटिकन सिटी एकमात्र ऐसा देश है जहां कोई जेल नहीं है, हालांकि कुछ प्री-ट्रायल डिटेंशन सेल हैं. दोषियों और जेल की सज़ा पाए लोगों को लेटरन संधि के अनुसार इतालवी जेलों में रखा जाता है. वेटिकन सरकार जेल की सजा का खर्च वहन करती है।