नई दिल्ली, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था. लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों से लेकर छोटा-मोटा व्यापार करने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे. काम न चलने की वजह से लोग एक वक्त की रोटी का इंतजाम भी नहीं कर पा रहे थे. देश के एक बड़े वर्ग की इसी समस्या को देखते हुए ”प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना” की शुरुआत हुई थी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKY) के तहत भारत के करीब 80 करोड़ राशनकार्ड धारक को प्रति महीना, प्रति सदस्य 5 किलो अधिक अनाज (गेहूं-चावल) दिया गया।
देश के जिस नागरिक के पास भी राशन कार्ड उपलब्ध है, वह अपने कोटे के राशन के साथ-साथ इस योजना के तहत हर महीने 5 किलो अतिरिक्त राशन प्राप्त कर रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाला ये राशन बिल्कुल मुफ्त है, जिसने देश के करोड़ों गरीबों की दो वक्त की रोटी की मुसीबतों को दूर दिया था.
इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारक के प्रत्येक सदस्य को हर महीने 5 किलो अतिरिक्त गेहूं और चावल दिया गया. बताते चलें कि इस योजना की शुरुआत पिछले साल हुई थी, जिसे पिछले साल दीपावली और छठ पूजा तक चलाया गया था. इसके बाद फिर इस साल जब देशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई तो एक बार फिर देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया था और इसी के साथ PMGKY 2.0 की शुरुआत हुई. योजना के दूसरा चरण भी दीपावली तक यानी 4 नवंबर तक जारी रहेगा और फिर बंद कर दिया जाएगा.
PMGKY बंद होने के बाद देश के सभी राशन कार्ड धारकों को पहले की तरह की अनाज का वितरण किया जाएगा. जहां राशन कार्ड धारकों को कोटे से मिलने वाले राशन के लिए मामूली कीमत चुकानी पड़ती है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मिलने वाला अतिरिक्त राशन पूरी तरह से मुफ्त था, जिसके लिए एक पैसे भी नहीं लिए जाते थे.