अगर आपके बच्चे का व्यवहार (Behavior) सामान्य नहीं है तो यह एक दिमागी बीमारी के लक्षण हैं. इस बीमारी को ऑटिज्म डिसऑर्डर (Autism Disorder) कहते हैं. यह समस्या बच्चों में ज्यादा होती है. इसके लक्षण जन्म लेने के कुछ समय बाद ही नजर आ जाते हैं. अगर इन लक्षणों को समय रहते पहचानलिया जाए, तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है.
मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओम प्रकाश बताते हैं कि इस बीमारी को पहचाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ समय बिताएं और उनके हाव भाव को समझें. यह देखें कि उनके बच्चे किस काम को कैसे कर रहा है. उम्र के साथ उसका दिमागी विकास हो रहा है या नहीं. यह जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि कई बार ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे में लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए बच्चों के साथ समय बिताने से उनके व्यवहार का पता चल सकेगा. डॉ. ओम प्रकाश के मुताबिक, ऑटिज्म के होने का कोई निर्धारित कारण नहीं होता है . यह अकसर जेनेटिक (genetic) वजहों से होती है. कई मामलों में माता-पिता की लापरवाही भी इस समस्या के बढ़ने का एक कारण होती है. इसलिए अगर किसी बच्चे का व्यवहार सामान्य नहीं दिख रहा तो तुरंत मनोरोग विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए. इस मामले में बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. क्योंकि यह बीमारी अगर समय पर काबू में नहीं आती तो पूरी उम्रभर रह सकती है. हालांकि इस बीमारी का कोई इलाज़ नहीं है. मरीजों की काउंसलिंग करके उनकी हालात में कुछ सुधार किया जा सकता है.
लक्षण
बच्चे का बर्ताव सामान्य न होना
किसी बात पर कोई प्रतिक्रिया न देना
रिस्पॉन्स टाइम का कम होना
अजीब हरकते करना
एक ही शब्द या बात को बार बार कहना
सिर्फ बच्चों को नहीं होती है यह समस्या
डॉक्टर ओम प्रकाश के मुताबिक यह समस्या सिर्फ बच्चों में नहीं होती है. कई बार युवा या बुजुर्ग भी इससे पीड़ित हो सकते हैं. हालांकि ऐसे मामले बहुत ही कम सामने आते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता की काफी कमी है. कई लोग इसे जानते बूझते हुए भी स्वीकार नहीं करते हैं. उन्हें लगता है कि अगर वह इसके विषय में डॉक्टरों की सलाह लेंगे तो लोग उनको मानसिक रोगी कहेंगे. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर 160 बच्चों में से एक ऑटिज्म से प्रभावित होता है. हर देश में इस बीमारी से जुड़े मामले सामने आते हैं.