पीलीभीत, भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर किसानों का मुद्दा उठाया और कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में फसल खरीद में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं सहेंगे। उन्होंने कुछ अधिकारियों, किसानों के साथ बातचीत करते हुए अपना वीडियो पोस्ट किया।
बीजेपी सांसद ने कहा कि वह किसानों को भ्रष्टाचार या दुर्व्यवहार के किसी भी सबूत की रिपोर्ट करने के लिए वहां एक प्रतिनिधि की प्रतिनियुक्ति करेंगे और किसी भी अनियमितता के मामले में वह सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाएगा और सरकार से कोई अनुरोध नहीं करेगा।
जब तक एमएसपी की वैधानिक गारंटी नहीं होगी, ऐसे ही मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। इस पर सख़्त से सख़्त कार्यवाही होनी चाहिए। pic.twitter.com/pWKI13e4Vp
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 29, 2021
उन्होंने कहा, ”राज्य के हर खरीद केंद्र पर गंभीर भ्रष्टाचार है, जो पूरी तरह से खुले में है। किसानों के अनाज को जबरन खारिज कर दिया जाता है, जिसके बाद वे हताशा में अपनी उपज बिचौलियों को बेच देते हैं। प्रशासन कटौती करता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों और बिचौलियों के बीच गठजोड़ जो किसानों को बहुत कम कीमत पर अपना अनाज बेचने के लिए मजबूर कर रहा है, जब तक कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी नहीं होगी, तब तक हार नहीं होगी।
सांसद ने कहा कि जब तक एमएसपी की कोई कानूनी गारंटी नहीं होगी, तब तक मंडियों में किसानों का शोषण होता रहेगा। उन्होंने अधिकारियों और किसानों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि यह यूपी सरकार और देश के लिए शर्म की बात है कि किसान अपनी उपज को आग लगा रहे हैं।
कुछ दिन पहले पीलीभीत के सांसद ने एक किसान द्वारा अपनी फसल बेचने में विफल रहने का वीडियो पोस्ट किया था। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद से बीजेपी सांसद यूपी सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं।
लखीमपुर खीरी हिंसा पर उनके ट्वीट के बाद, वरुण गांधी और मेनका गांधी को 80 सदस्यीय पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया था। हालांकि पार्टी ने कहा कि इसका वरुण गांधी के ट्वीट से कोई लेना-देना नहीं है।