लखनऊ, उत्तर प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स ने गुरुवार को संगठित गिरोह के सरगना समेत चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह लोग कृषि कुम्भ प्राइवेट लिमिटेड व मदर हुड केयर कम्पनी एवं एनजीओ खोलकर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इन लोगों ने लगभग 500 बेरोजगार युवकों से लगभग छह करोड़ रुपये की ठगी की है।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए अभियुक्त मूलरुप से गोरखपुर निवासी अरून कुमार दुबे, बस्ती निवासी अनिरूद्व पाण्डेय,बहराइच निवासी खालिद मुनव्वर वेग और अनुराग मिश्रा है। गिरोह का सरगना अरून है।
एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त अरून कुमार दुबे ने वर्ष 2005 में उसने गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई के साथ-साथ रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा कम्युनिकेशन व जीटीएल कम्पनी मे नौकरी किया। वह उस कम्पनी में मैनेजर के पद पर लखनऊ मे तैनात था। उस दौरान उसने कम्पनी के आफिस से 10 लैपटाप व बैटरियों चोरी की थी। इस मामले में अलीगंज थाना पुलिस ने आरोपित को चोरी के मामले में जेल भेजा था। वर्ष 2017 में जमानत पर रिहा होने के बाद उसने लिगरो इंडिया निधि लिमिटेड, वर्ष 2018 में कृषि कुम्भ प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड और इनकार्गो लिमिटेड व मदर हुड केयर एनजीओ और बतौर (पार्टनर) वर्ष 2020 में वैदिक नैचुरल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियां बनायी गयी।
इसके बाद उसने अनिरूद्ध पाण्डेय, खालिद मुनव्वर वेग, अनुराग मिश्रा, कुमार पंकज, देव यादव, शशांक गिरी, देवेश मिश्रा, विनय शर्मा, विनीत कुमार मिश्रा आदि लोगों की मदद से विभिन्न विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लगभग 500 बेरोजगारों से लगभग 06 करोड़ रुपये की ठगी की है।
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य देवेश मिश्रा, व विनीत कुमार मिश्रा को पुलिस ने सचिवालय का फर्जी नियुक्ति पत्र देने के आरोप 20 अक्टूबर में गिरफ्तार कर मे जेल भेज दिया था। इसके बाद से वह लोग छिपकर रह रहे थे। पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई के लिए इंदिरानगर थाने में सुपुर्द किया है। वहीं, वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं व कम्पनी के बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है।