लखनऊ, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया। हालांकि लखनऊ में करीब एक घंटे तक चले ड्रामे के बाद प्रियंका को प्रशासन ने आगरा जाने की अनुमति दे दी है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनके साथ चार लोगों को आगरा जाने की इजाजत दी गई है। चोरी के शक में हिरासत में लिए गए सफाई कर्मचारी अरुण के स्वजन से मिलने प्रियंका जा रही थीं। इस दौरान पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प भी हो गई। फिर भी वह नहीं आगरा जाने की जिद पर अड़ी रहीं तो लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
उनको पुलिस लाइन ले जाया गया। गत 17 अक्तूबर को आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये गायब होने के मामले में सफाईकर्मी को पुलिस ने पकड़ा था। जिसकी बाद में मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाया है।
इस मामले में एसएसपी ने 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करते हुए रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।इससे पहले प्रियंका ने ट्ववीट भी किया। उन्होंने लिखा कि ‘किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है।
इसकी उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।’ प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि ‘अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है?
क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।’17 अक्टूबर को एक गोदाम से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में कल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए एक सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। आगरा के एडीजी राजीव कृष्ण ने कहा, “हमारे अधिकारी उनके परिवार के संपर्क में हैं। वे सहयोग कर रहे हैं।
अगर कोई लापरवाही हुई तो कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने शिकायत दर्ज की है, उन्हें संदेह है कि पुलिस ने उन्हें पीटा था। जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। प्राथमिकी दर्ज की गई, मामले की जांच की जाएगी।” इसी तरह का टकराव इस महीने की शुरुआत में हुआ था जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस नेता को लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने से रोका था। राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ परिवारों से मिलने की अनुमति देने से पहले उन्हें 48 घंटे से अधिक समय तक एहतियातन हिरासत में लिया गया था।