नई दिल्ली, बीते कुछ दिनों से देश के एक बड़े हिस्से में लगातार बारिश हुई है. इससे किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. धान की खड़ी फसल तेज हवाओं के साथ हुई वर्षा से खेतों में गिर गई है. वहीं काटकर रखे गए धान भी खेत में पानी जमा होने से डूब गए हैं।
तैयार फसलों के लिए अभी हुई बारिश आफत की तरह थी. वहीं केरल और उत्तराखंड में बाढ़ जैसी स्थिति है और बड़े पैमाने पर जानमाल को भी नुकसान हुआ है. हालांकि अब किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बारिश की गतिविधियां पर ब्रेक लगने जा रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, अलगे कुछ दिनों तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत ज्यादातर राज्यों में बारिश होने की संभावना नहीं है. हालांकि दक्षिण भारत के राज्यों में अभी बारिश का दौर जारी रहेगा।
IMD ने बताया कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब में 23 अक्टूबर को जबकि हिमाचल प्रदेश में 24 अक्टूबर को गरज-चमक के साथ कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है. इसके अलावा, दक्षिण भारतीय राज्यों, केरल, पुड्डुचेरी और तमिलनाडु में 24 अक्टूबर तक जबकि तटीय व दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 22 से 24 अक्टूबर तक व्यापक रूप से वर्षा की संभावना है.
मॉनसून की वापसी पर जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. यह बाकी बचे पूर्वोत्तर भारत, पूरे बंगाल की खाड़ी, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बचे हिस्सों, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों और पूरे गोवा से 23 अक्टूबर तक वापस लौट जाएगा. विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के पूरे देश से 26 अक्टूबर तक लौटने की संभावना है।
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और पूर्वी बिहार के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
गंगीय पश्चिम बंगाल, शेष पूर्वोत्तर भारत और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. बिहार के शेष हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय ओडिशा के कुछ हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश की तलहटी, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की बारिश संभव है।